तीन दिनों में यूपी बोर्ड को देना है अर्धवार्षिक परीक्षा के अंक, प्रधानाचार्य बोले- यह व्यावहारिक नहीं
प्रधानाचार्य ने कहा है कि बोर्ड की ओर जारी आदेश में गलत तथ्य दिए गए है जो पूरी तरह से अव्यावहारिक हैं। कई स्कूलों में अभी परीक्षाएं संचालित हैं। ऐसे में बोर्ड ने अंकों को अपलोड करने में दिक्कत आ रही है।
कानपुर, जागरण संवाददाता। यूपी बोर्ड ने पिछले सत्र में कोरोना महामारी से सामने आईं दिक्कतों को देखते हुए इस सत्र में छात्रों की समय से परीक्षाएं कराएं व मूल्यांकन की सारी तैयारियां तो कर लीं। हालांकि बोर्ड अफसरों ने जल्दबाजी में जो अंकों को अपलोड करने संबंधी निर्देश दिए, उससे जिले के प्रधानाचार्य नाराज हैं।
उनका कहना है, नवंबर के तीसरे हफ्ते तक परीक्षाएं कराकर तीन दिसंबर तक अंक भेजने के लिए कहा गया। मगर, यह आदेश पूरी तरह से अव्यावहारिक है। स्कूलों में कभी सर्वर न चलने, कभी शिक्षक या कर्मियों के बीमार होने की स्थिति बनी रहती है। ऐसे में तीन दिनों के अंदर अंक कैसे अपलोड किए जा सकते हैं। खालसा इंटर कालेज गोविंद नगर के प्रधानाचार्य हेमराज सिंह गौर ने बताया बोर्ड ने जो आदेश जारी किया, उसमें एक स्थान पर तीन दिसंबर तक अंक भेजने और दूसरे स्थान पर दिसंबर के दूसरे हफ्ते तक अंक भेजने की बात लिखी है। प्रधानाचार्य किसे सही मानें? वहीं, पहली बार बोर्ड ने ओएमआर शीट पर परीक्षाएं कराईं। जिसका मूल्यांकन करने में शिक्षक अभ्यस्त नहीं थे। अब स्कूलों में मूल्यांकन का काम शुरू हो रहा है। बोर्ड को अंक अपलोड के लिए अतिरिक्त समय देना होगा।
बोले जिम्मेदार: यूपी बोर्ड के अफसर हर काम में जल्दबाजी दिखाते हैं। इससे काम बनने के बजाय बिगड़ते हैं। बोर्ड ने तीन दिसंबर तक अंक अपलोड करने का जो आदेश जारी किया है, वह पूरी तरह से गलत है। बोर्ड को इस तिथि में बदलाव करना होगा। -डा.गिरीश मिश्रा, मंडल अध्यक्ष, उप्र प्रधानाचार्य परिषद