UP Board Exam 2021: कोविड प्रोटोकाल के बीच अंक सुधार परीक्षा शुरू, स्टूडेंट्स ने दी प्रतिक्रया, जानिए क्या कहा

शनिवार से कोविड प्रोटोकाल के बीच शहर के 10 अलग-अलग परीक्षा केंद्रों पर सुबह की पाली में 10वीं के परीक्षार्थियों ने हिंदी की परीक्षा दी। बीएनएसडी शिक्षा निकेतन में 10वीं के छात्र उत्कर्ष सिंह ने बताया कि पेपर आसान आया। दो घंटा 15 मिनट में सारे सवाल हल कर लिए।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 07:11 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 07:11 PM (IST)
UP Board Exam 2021: कोविड प्रोटोकाल के बीच अंक सुधार परीक्षा शुरू, स्टूडेंट्स ने दी प्रतिक्रया, जानिए क्या कहा
कानपुर में परीक्षा केंद्र से बाहर निकलती छात्र-छात्राएं।

कानपुर, जेएनएन। कोरोना महामारी के चलते यूपी बोर्ड ने इस सत्र में बोर्ड परीक्षा न कराकर, छात्रों की पिछली परीक्षाओं के प्रदर्शन को देखते हुए परिणाम जारी कर दिया था। हालांकि, उस परिणाम से कई छात्र असंतुष्ट थे और छात्रों ने मूल्यांकन को लेकर तमाम सवाल उठाए थे। छात्रों की अच्छी संख्या देख, बोर्ड ने दोबारा अंक सुधार परीक्षा कराने का फैसला किया।

शनिवार से कोविड प्रोटोकाल के बीच शहर के 10 अलग-अलग परीक्षा केंद्रों पर सुबह की पाली में 10वीं के परीक्षार्थियों ने हिंदी की परीक्षा दी। बीएनएसडी शिक्षा निकेतन में 10वीं के छात्र उत्कर्ष सिंह ने बताया कि पेपर आसान आया। दो घंटा 15 मिनट में सारे सवाल हल कर लिए। इसी तरह अन्य परीक्षार्थियों ने भी कहा, कि पेपर सरल रहा। अधिकतर सवाल पाठ्यक्रम से ही पूछे गए।

दो बजे से 12वीं का पेपर शुरू: सुबह की पाली में जहां सुबह आठ बजे से 10.15 बजे तक 10वीं के परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। वहीं, दोपहर दो बजे से 12वीं का पेपर शुरू हो गया। डीआइओएस सतीश तिवारी ने बताया कि इस अंक सुधार परीक्षा के लिए शहर के 1054 परीक्षार्थियों ने अपना पंजीकरण कराया। बोले, सभी केंद्रों पर सीसीटीवी की निगरानी में परीक्षा कराई जा रही है। केंद्रों पर सैनिटाइजर व थर्मल स्कैनर की व्यवस्था की गई है। साथ ही सभी केंद्र व्यवस्थापकों से कहा गया है कि अगर किसी छात्र को कोई समस्या लगती है तो फौरन इसकी जानकारी डीआइओएस कार्यालय में दें।

एक विषय में पेपर देने का बोर्ड ने दिया विकल्प: यूपी बोर्ड की ओर से अंक सुधार परीक्षा के लिए छात्रों को एक विषय का भी विकल्प परीक्षा शुरू होने से ठीक दो दिन पहले दिया गया। कई छात्र-छात्राओं ने आनन-फानन ही एक विषय में पेपर देने का विकल्प चुन लिया।

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