कानपुर में दो हजार से अधिक शिक्षामित्रों के लिए राहत भरी खबर, जल्द खाते में आएंगे दो करोड़
शिक्षामित्रों को औसतन 10 हजार रुपये मानदेय दिया जाता है। जिले में कुल 2000 से अधिक शिक्षामित्र कार्यरत हैं ऐसे में लगभग दो करोड़ रुपये की राशि शिक्षामित्रों के खातों में भेज दी जाएगी। शिक्षामित्रों के लिए राहत है।
कानपुर, जेएनएन। परिषदीय व उच्च परिषदीय विद्यालयों में काम करने वाले शिक्षामित्रों के लिए राहत भरी खबर है। भले ही अभी तक अप्रैल का मानदेय न मिला हो पर जल्द ही उनके खाते में दो करोड़ रुपये आने वाले हैं, शासन से मानदेय की राशि मंजूर कर दी है। शिक्षामित्रों को दस हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलता है और जिले में दो हजार शिक्षामित्रों की तैनाती है।
कोरोना महामारी के इस दौर में शिक्षामित्र मानदेय को लेकर काफी परेशान थे। उनका कहना था, कि वह अपने या परिवार के सदस्य के बीमार होने के बावजूद आर्थिक रूप से कमजोर होने के चलते उनका इलाज तक नहीं करा पा रहे हैं। इसके अलावा कई अन्य परेशानियों का सामना उन्हें करना पड़ा। ऐसे में शासन तक जब यह बात पहुंची तो आनन-फानन ही शिक्षामित्रों के मानदेय जारी करने के आदेश हो गए।
औसतन 10 हजार रुपये दिया जाता है मानदेय
जिला समन्वयक प्रबोध प्रताप सिंह ने बताया कि शिक्षामित्रों को औसतन 10 हजार रुपये मानदेय दिया जाता है। जिले में कुल 2000 से अधिक शिक्षामित्र कार्यरत हैं, ऐसे में लगभग दो करोड़ रुपये की राशि शिक्षामित्रों के खातों में भेज दी जाएगी। उन्होंने कहा, कि शासन में भी कई अफसर व कर्मी कोरोना संक्रमित हो गए। इस वजह से शिक्षामित्रों को देरी से मानदेय मिल रहा है। बोले, एक से दो दिनों में बजट जारी हो जाएगा।
-वैसे तो हर माह समय से ही शिक्षामित्रों को मानदेय भेज दिया जाता है। अप्रैल में शासन से ही ग्रांट नहीं जारी हुई, इस वजह से देरी हो रही है। हालांकि जल्द ही अब मानदेय उन्हें मिल जाएगा। - डॉ.पवन तिवारी, बीएसए