बांदा कृषि विवि में प्रोफेसरों की नियुक्ति के मामले की विशेष सचिव करेंगे जांच, भाजपा विधायक ने उठाए थे सवाल

Banda Agriculture University Controversy अपर मुख्य सचिव कृषि व कृषि शिक्षा डा.देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि नियुक्तियों में धांधली को लेकर अभी किसी विधायक का शिकायती पत्र उनको नहीं मिला है लेकिन अन्य स्तरों से मिली शिकायतों का संज्ञान लेकर प्रारंभिक जांच करायी जा रही है।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Fri, 11 Jun 2021 10:21 PM (IST) Updated:Fri, 11 Jun 2021 10:21 PM (IST)
बांदा कृषि विवि में प्रोफेसरों की नियुक्ति के मामले की विशेष सचिव करेंगे जांच, भाजपा विधायक ने उठाए थे सवाल
बांदा कृषि विश्वविद्यालय की खबर से संबंधित सांकेतिक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। Banda Agriculture University Controversy  बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में सामान्य कोटे से हुई 16 प्रोफेसरों की नियुक्ति में 11 के एक ही जाति के होने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है।  प्रोफसरों की नियुक्ति से पहले इसके विज्ञापन में रोस्टर आरक्षण की अनदेखी का आरोप लगा तिंदवारी के भाजपा विधायक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को छह फरवरी को पत्र लिख चुके थे। अब फिलहाल नियुक्ति में धांधली के आरोपों की जांच विशेष सचिव कृषि बीएस यादव को सौंपी गई है। जांच में आरक्षण नियमों की अनदेखी सही पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।

नियुक्ति में धांधली पाई गई तो होगी कार्रवाई:  अपर मुख्य सचिव कृषि व कृषि शिक्षा डा.देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि नियुक्तियों में धांधली को लेकर अभी किसी विधायक का शिकायती पत्र उनको नहीं मिला है, लेकिन अन्य स्तरों से मिली शिकायतों का संज्ञान लेकर प्रारंभिक जांच करायी जा रही है। डा.चतुर्वेदी के मुताबिक रिपोर्ट आने पर कहा जा सकेगा कि शिकायतों में कितनी सत्यता है। गड़बड़ी मिली तो निश्चित तौर पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने विधायक का कोई शिकायती पत्र मिलने से इन्कार किया। उन्होंने बताया कि यह प्रकरण उनके संज्ञान में आने पर अपर मुख्य सचिव को आरोपों की सत्यता जांचने को कहा गया है। 

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उल्लेखनीय है कि तिंदवारी से भाजपा विधायक बृजेश कुमार प्रजापति ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल को लिखे पत्र में कृषि विश्वविद्यालय में शिक्षकों के 40 पदों पर नियुक्ति में धांधली का आरोप लगाया था। उन्होंने लिखा था कि आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया गया। एक जाति विशेष के लोगों को अधिक तरजीह दी गयी है। प्रजापति का आरोप है कि नियुक्ति विज्ञापन को दो हिस्सों में करके आरक्षण रोस्टर से छेड़छाड़ की गयी है। विधायक ने नियुक्तियां निरस्त करके फिर से भर्ती कराने की मांग की है।

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