उन्नाव में आर्थिक तंगी से परेशान होकर अधेड़ ने उठाया ऐसा कदम, स्वजन सहमे
रोना काल में मजदूरी बंद होने से अधेड़ के सामने परिवार का पेट पालने को लेकर आर्थिक संकट खड़ा हो गया। ऐसे में अधेड़ अवसादग्रस्त हो गया। इसी के चलते घर के भीतर बरामदे में फांसी का फंदा लगाकर जान दे दी।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना काल में मजदूरी बंद होने से अधेड़ के सामने परिवार का पेट पालने को लेकर आर्थिक संकट खड़ा हो गया। ऐसे में अधेड़ अवसादग्रस्त हो गया। इसी के चलते घर के भीतर बरामदे में फांसी का फंदा लगाकर जान दे दी। इस घटना से स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल है।
सफीपुर कोतवाली क्षेत्र के गांव हसनापुर निवासी राजाराम (50) पुत्र कोइली रौदास अपने परिवार के साथ खेती किसानी व मजदूरी का कार्य करता था। गुरुवार रात राजाराम घर आया और खाना खाकर सो गया। शुक्रवार सुबह जब उसके स्वजन उठे तो उसको कमरे के बरामदे की धन्नी में पतले कंबल से फांसी के फंदे से राजाराम का शव लटकता मिला। शव देख बच्चों में कोहराम मच गया। सूचना पर परियर चौकी इंचार्ज केएन पाण्डेय ने मौके पर पहुंचे और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। बताते है कि राजाराम के पास एक बीघा कृषि भूमि थी जिसका आधा भाग दो वर्ष पहले बड़े पुत्र जवाहरलाल की शादी व अन्य खर्चों के लिए बेंच दिया गया था। इधर मार्च से कोरोना काल में मजदूरी बंद हो जाने से बाकी बची आधा बीघा भूमि भी राजाराम ने गिरवी रख दी थी। पत्नी सीता ने बताया कि अंत्योदय कार्ड व मजदूरी से घर का खर्च चलना मुश्किल हो गया था। इसी ङ्क्षचता में पति हमेशा रहते थे। सीता के मुताबिक गुरुवार को वह बड़े पुत्र जवाहरलाल की ससुराल गई थी। घर पर उसका 19 वर्षीय लड़का अजीत, बेटी लक्ष्मी 18, साधना 15, निशा 10 व छोटा लड़का कृष्ण 7 मौजूद थे।