निजी बैंकों से खत्म होंगे विश्वविद्यालय के खाते, CSJMU की कार्यपरिषद की बैठक में लिया गया ये अहम फैसला

लेखा विभाग को निर्देश दिए गए कि जल्द ही जो भी खाता निजी बैंक में हैं उसे खत्म कर धन राष्ट्रीयकृत बैंक में स्थानांतरित करा लिया जाए। यह भी निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय नए सत्र से पाठ्यक्रमों में जो भी बदलाव करने जा रहा है

By Akash DwivediEdited By: Publish:Fri, 02 Apr 2021 10:35 AM (IST) Updated:Fri, 02 Apr 2021 05:32 PM (IST)
निजी बैंकों से खत्म होंगे विश्वविद्यालय के खाते,  CSJMU की कार्यपरिषद की बैठक में लिया गया ये अहम फैसला
विश्वविद्यालय को 30 फीसद पाठ्यक्रम में बदलाव करना है

कानपुर, जेएनएन। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) के खाते अब निजी बैंकों में नहीं रहेंगे। कॉलेजों की फीस और छात्रों के शुल्क समेत जितने भी खाते निजी बैंकों में चल रहे हैं, उन्हेंं बंद किया जाएगा। यह पैसा राष्ट्रीयकृत बैंकों में स्थानांतरित होगा। कुलपति प्रो. डीआर सिंह की अध्यक्षता में हुई कार्यपरिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया। विश्वविद्यालय से करीब एक हजार डिग्री कॉलेज संबद्ध हैं। इन कॉलेजों में 10 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं हैं। कॉलेजों की संबद्धता से लेकर छात्रों के परीक्षा शुल्क तक विभिन्न मदों में बड़ी रकम प्रतिवर्ष विश्वविद्यालय में जमा होती है।

अभी कई प्रकार के शुल्क ऐसे हैं जिन्हेंं निजी बैंकों में जमा किया जाता है। कार्य परिषद की बैठक में चर्चा हुई कि राष्ट्रीयकृत बैंकों में पैसों की सुरक्षा अधिक होती है। लेखा विभाग को निर्देश दिए गए कि जल्द ही जो भी खाता निजी बैंक में हैं, उसे खत्म कर धन राष्ट्रीयकृत बैंक में स्थानांतरित करा लिया जाए। यह भी निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय नए सत्र से पाठ्यक्रमों में जो भी बदलाव करने जा रहा है, उस पर काम शुरू कर दिया जाए। विश्वविद्यालय को 30 फीसद पाठ्यक्रम में बदलाव करना है।

विद्या परिषद की बैठक में इसे हरी झंडी मिल चुकी है। पाठ्यक्रम में बदलाव करने के लिए वरिष्ठ प्रोफेसरों की टीम कोर्स का आकलन करेगी। कार्यपरिषद की बैठक में डीन एकेडमिक प्रो. संजय स्वर्णकार, कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ. रिपुदमन सिंह, प्रो. अंशु यादव व डॉ. संदीप सिहं समेत अन्य सदस्य मौजूद रहे।  

chat bot
आपका साथी