कन्नौज में बारिश से फसल हुई बर्बाद तो दुखी किसान ने फांसी लगाकर दी जान

कोतवाली क्षेत्र के सगरा गांव निवासी 55 वर्षीय नन्हे लाल के पास सात बीघा खेत है। इसमें तीन बीघा धान बोआई थी और चार बीघा में आलू रखा था। छह दिन पूर्व हुई बारिश में आलू और धान की फसल नष्ट हो गई। इससे वह सदमे में थे।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 05:14 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 05:14 PM (IST)
कन्नौज में बारिश से फसल हुई बर्बाद तो दुखी किसान ने फांसी लगाकर दी जान
दुखी किसान नन्हे लाल ने फांसी लगाकर दी जान। फाइल फोटो।

कन्नौज, जेएनएन। बारिश में आलू और धान की फसल बर्बाद होने से दुखी किसान ने कमरे में पंखे के सहारे साड़ी से फांसी लगाकर जान दे दी। देर रात पुत्रवधू जब खाने के लिए बुलाने गई तो पंखे से किसान का शव लटकता देख उसकी चीख निकल गई। ग्रामीणों की मदद से शव को नीचे उतारा। पुलिस ने शनिवार सुबह शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। 

कोतवाली क्षेत्र के सगरा गांव निवासी 55 वर्षीय नन्हे लाल के पास सात बीघा खेत है। इसमें तीन बीघा धान बोआई थी और चार बीघा में आलू रखा था। छह दिन पूर्व हुई बारिश में आलू और धान की फसल नष्ट हो गई। इससे वह सदमे में थे। शुक्रवार दोपहर वह खेत पर गए थे। यहां से शाम को लौटे और आंगन में सूख रही पुत्रवधू सुनीता की साड़ी उठाकर कमरे के अंदर चले गए। देर रात तक उनके कमरे से बाहर न निकलने पर पुत्रवधू ने अपने बच्चों हिमांशु व अंशु को उन्हें खाना खाने के लिए बुलाने भेजा। यहां बच्चों ने आवाज दी, मगर नन्हे लाल ने कोई जवाब नहीं दिया। इस पर बच्चों ने सुनीता को बताया कि बाबा बोल ही नहीं रहे। सुनीता ने खिड़की से झांक कर देखा तो उसकी चीख निकल गई। नन्हे लाल का शव कमरे में लगे पंखे के सहारे उसकी साड़ी के फंदे से लटक रहा था। देवर और अन्य ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। जिंदा होने की आस में उनके शव को नीचे उतारा गया। मगर तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। सुनीता ने बताया कि उसके पति अजय कुमार दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करते हैं। देवर सिद्धनाथ घर पर रहते हैं। ससुर दो दिन से बारिश से हुई फसल बर्बाद होने के कारण दुखी थी। इसी तनाव में उन्होंने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है। सिद्धनाथ ने पुलिस को सूचना दी। शनिवार को प्रभारी निरीक्षक हरिश्याम सिंह ने शव पोस्टमार्टम भेजा। एसडीएम राकेश कुमार त्यागी ने बताया कि पीड़ित का नाम मुआवजा के लिए सर्वे सूची में लिया जा चुका है। आर्थिक स्थिति मध्यम वर्ग की है। कर्ज के बारे में स्वजन ने कोई जानकारी नहीं दी है। पीड़ित स्वजन को शासन के निर्देशानुसार मुआवजा दिलाया जाएगा। 

दूसरी बार गाड़ा था आलू: नन्हे लाल ने दूसरी बार आलू की कच्ची फसल खेत में बोई थी। इससे पहले सितंबर माह में भी उन्होंने आलू की फसल बोई थी। जो उस दौरान हुई बारिश में खराब हो गई थी। इसके बाद उन्होंने दोबारा अक्टूबर माह में आलू की गड़ाई की थी। यह भी बारिश की भेंट चढ़ गई। नन्हे लाल के अजय कुमार बड़े व सिद्धनाथ छोटे बेटे हैं। एक बेटी है, उसकी शादी हो चुकी है। सिद्धनाथ की शादी तालग्राम थाना क्षेत्र के एक गांव से तय हुई है। वरीक्षा व गोदभराई की रस्म हो चुकी है। दिसंबर में उसकी शादी होना तय है।

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