कानपुर: सराफा कारोबार में 23 अगस्त की बंदी को लेकर कारोबारी संगठनों में दो फाड़, जानिए इसकी वजह

आल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन के अध्यक्ष पंकज अरोड़ा के मुताबिक भारतीय मानक संस्थान के हालमार्किंग डिवीजन ने 16 जून से हालमार्किंग को 256 जिलों में अनिवार्य किया था। उस समय देश के लगभग सभी संगठनों ने जो सराफा व्यवसाय से जुड़े थे

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Fri, 20 Aug 2021 05:55 PM (IST) Updated:Fri, 20 Aug 2021 05:55 PM (IST)
कानपुर: सराफा कारोबार में 23 अगस्त की बंदी को लेकर कारोबारी संगठनों में दो फाड़, जानिए इसकी वजह
कानपुर के सराफा बाजार से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। हालमार्क की यूआइडी प्रक्रिया को लेकर 23 अगस्त को देशभर में बंदी को लेकर कारोबारी संगठनों में दो फाड़ हो गए हैं। इस संबंध में जहां आल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन ने हड़ताल का विरोध कर दिया है वहीं अखिल भारतीय स्वर्णकार परिषद भी इसके विरोध में आ गया है। सराफा कारोबारियों के एक गुट ने पिछले दिनों टास्क फोर्स का गठन कर 23 अगस्त की बंदी की घोषणा कर रखी है। 

आल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन के अध्यक्ष पंकज अरोड़ा के मुताबिक भारतीय मानक संस्थान के हालमार्किंग डिवीजन ने 16 जून से हालमार्किंग को 256 जिलों में अनिवार्य किया था। उस समय देश के लगभग सभी संगठनों ने जो सराफा व्यवसाय से जुड़े थे उन्होंने भारतीय मानक ब्यूरो के महानिदेशक प्रमोद तिवारी के साथ बैठक की थी। इसके अलावा केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ भी बैठक हुई थी। उस समय किसी भी संगठन ने विरोध नहीं किया लेकिन पिछले कुछ दिनों में टास्क फोर्स बनाकर हालमार्क को निर्माता की जगह रिटेलर पर लगाने के लिए षड्यंत्र रचा गया। ये लोग सराफा कारोबारियों के बीच जाकर हालमार्क का का विरोध करते रहे‌ लेकिन सरकार को विरोध के संबंध में कोई ज्ञापन तक नहीं दिया।

उन्होंने आरोप लगाया कि एक ओर ये लोग हालमार्किंग के स्वागत की बात करते हैं लेकिन इसे निर्माता की जगह रिटेलर पर लगाने की मांग करते हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष के मुताबिक अगर हालमार्क में यूआइडी की प्रक्रिया खत्म हो गई तो जेवरों की शुद्धता की गारंटी कैसे ली जाएगी। इसके बाद ऐसा कौन सा चिह्न लगेगा जिससे निर्माता पर यह तय होगा कि जो जेवर उसने बनाया है, उसकी शुद्धता कितनी थी।

उनके मुताबिक फेडरेशन का मानना है कि एचयूआइडी ही एकमात्र प्रक्रिया है जिससे यह तय कर सकते हैं कि जेवर किसने बनाया। किस हालमार्किंग सेंटर ने प्रमाणित किया। इससे भविष्य में ग्राहक को यदि जेवर पूरी शुद्धता का नहीं मिलता है तो वह निर्माता और हालमार्किंग सेंटर पकड़ा जा सकता है।

chat bot
आपका साथी