शहर में बनेंगी प्लास्टिक सड़कें, जानिए क्या होगी खासियत और कहां से होगी शुरुआत Kanpur News

स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शहर में प्लास्टिक के निस्तारण की तैयारी की जा रही है।

By AbhishekEdited By: Publish:Sun, 22 Sep 2019 08:47 AM (IST) Updated:Sun, 22 Sep 2019 08:47 AM (IST)
शहर में बनेंगी प्लास्टिक सड़कें, जानिए क्या होगी खासियत और कहां से होगी शुरुआत Kanpur News
शहर में बनेंगी प्लास्टिक सड़कें, जानिए क्या होगी खासियत और कहां से होगी शुरुआत Kanpur News

कानपुर, [राहुल शुक्ल]। अभी तक आपने प्लास्टिक से बनने वाली सड़कों के बारे में सिर्फ सुना ही होगा, अब सड़क बनते देख भी सकेंगे। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत नगर निगम ने प्लास्टिक से दो सड़कों का निर्माण कराने की ओर कदम बढ़ाए हैं। प्लास्टिक, पॉलीथिन, तारकोल और गिट्टी के मिश्रण से बनी सड़क पहले तो जल्दी टूटेगी नहीं, दूसरे अधिक भार के कारण धंसेगी भी नहीं।

एक किमी में लगेगा आठ टन प्लास्टिक

शहर में जगह-जगह भारी मात्रा में पॉलीथिन डंप है। एक किलोमीटर सड़क बनाने में आठ टन प्लास्टिक की खपत होगी। नगर निगम के पास पर्याप्त प्लास्टिक है, ऐसे में सड़क निर्माण में कोई बाधा भी नहीं आएगी। निगम ने सड़कों का चयन कर लिया है। अब डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजने की तैयारी है। प्रयास है कि दिसंबर से पहले सड़क निर्माण शुरू हो जाए।

दस साल तक नहीं उखड़ेगी सड़क

तारकोल के सापेक्ष प्लास्टिक से बनी सड़क की वॉटर रेजिस्टेंट पॉवर ज्यादा होती है। तारकोल की सड़क मानक व गुणवत्ता के आधार पर बनी है तो चार से पांच साल चलती है, जबकि प्लास्टिक की सड़क दस साल तक नहीं उखड़ती है।

इस तरह मिश्रित की जाएगी प्लास्टिक

प्लास्टिक को मशीन में डालकर बुरादा तैयार किया जाएगा। गिïïट्टी को 160 डिग्र्री सेंटीग्रेड तापमान तक गर्म किया जाएगा। इसमें प्लास्टिक के बुरादे को मिला दिया जाए। उसमें 160 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर तारकोल मिलाते हुए सड़क का निर्माण किया जाएगा।

इनका होगा उपयोग

पॉलीथिन, प्लास्टिक की बोतल, गिलास, पान-मसाला, चिप्स, नमकीन आदि के रैपर, थर्माकोल आदि।

25 फीसद अधिक होती है सड़क की उम्र

प्लास्टिक निर्मित सड़क पर शोध करने वाले हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर प्रदीप कुमार ने बताया कि प्लास्टिक से बनी सड़कों की उम्र सामान्य सड़कों की तुलना में 25 फीसद अधिक होती है। देश में प्रतिदिन करीब 15 हजार टन प्लास्टिक कचरा पैदा होता है। इसमें करीब नौ हजार टन प्लास्टिक को रीसाइकिल कर काम में लाया जाता है। सड़क बनाने की सामग्री में 15 फीसद प्लास्टिक कचरा होता है।

प्लास्टिक से सड़क बनाने के लिए गिट्टी व तारकोल मिलाने के दो तरीके हैं। पहला गर्म गिट्टी के साथ प्लास्टिक को मिलाया जा सकता है। दूसरा, तारकोल के साथ प्लास्टिक को मिलाकर बाद में गिट्टी मिलाई जा सकती है। यह भ्रम है कि प्लास्टिक से बनी सड़क बारिश के पानी को जमीन के अंदर जाने से रोकती हैं। जब प्लास्टिक में तारकोल व गिट्टी मिल जाती है तो यह भी सामान्य सड़क की तरह हो जाती है। बशर्ते इसे बनाने में गुणवत्ता का ख्याल रखा जाए।

यहां पर एकत्र होगी प्लास्टिक

कृष्णा नगर, चुन्नीगंज, जनता नगर चौकी, भगवतदास घाट, पनकी-कल्याणपुर रोड। अभी 80 टन पॉलीथिन प्रतिदिन शहर से निकलती है, मौजूदा समय में 32 टन पॉलीथिन नगर निगम के पास है।

शहर में यहां बनेंगी प्लास्टिक सड़कें

-फूलबाग के चारों तरफ 2.4 किमी. लंबी सड़क।

-भैरोघाट चौराहा से ग्वालटोली, मंडलायुक्त आवास चौराहा होते हुए बेनाझाबर तक दो किमी. लंबी सड़क।

इनकी भी सुनिए

दो माह में प्लास्टिक से फूलबाग की सड़क का निर्माण शुरू हो जाएगा। नए साल में सड़क बनकर तैयार हो जाएगी। तारकोल से प्लास्टिक की बनी सड़क ज्यादा मजबूत होती है। साथ ही प्लास्टिक का निस्तारण भी हो जाएगा। -पूजा त्रिपाठी, प्रभारी स्मार्ट सिटी मिशन

प्लास्टिक से सड़क बनाना सुरक्षित है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की गाइडलाइन में भी है कि प्लास्टिक से सड़क बनाई जाए। इससे प्लास्टिक का निस्तारण हो जाएगा। -अमित चंद्रा, मुख्य पर्यावरण अभियंता, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

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