लिपिकों के तबादले को लेकर पीडब्ल्यूडी के दो संगठन आमने-सामने

लोक निर्माण विभाग में लिपिक के तबादले को लेकर दो कर्मचारी संगठन आमने- सामने आ गये हैैं। एक लिपिक पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहा है दूसरे का कहना है कि अगर किसी दबाव में तबादला किया गया तो आंदोलन किया जाएगा।

By Sarash BajpaiEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 02:42 PM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 02:42 PM (IST)
लिपिकों के तबादले को लेकर पीडब्ल्यूडी के दो संगठन आमने-सामने
लिपिक के तबादले को लेकर दो संगठन आमने- सामने।

कानपुर, जेएनएन। लोक निर्माण विभाग में इन दिनों दो कर्मचारी संगठन आमने-सामने हैं। एक लिपिकों पर आरोप लगा रहा है, जबकि दूसरा मुख्य अभियंता को लिखकर दे रहा है कि अगर किसी दबाव में तबादला हुआ तो संगठन आंदोलन करेगा।

पीडब्ल्यूडी नियमित वर्कचार्ज संघ के क्षेत्रीय मंत्री उमाशंकर दीक्षित ने बताया कि खंडीय कार्यालय में कार्यरत लिपिक और अधिकारी तबादला होने के बाद भी कई- कई वर्षों से एक ही सीट में जमे हुए हैं। आरोप है कि अधिशाषी अभियंता की साठगांठ से लिपिकों का तबादला नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि साठगांठ होने के चलते लिपिकों के हौसले बुलंद हैं। इस वजह से लिपिक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से भुगतान के एवज में मनमाने ढंग से रुपये वसूलते हैं। कई बार इसका विरोध भी हुआ, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं हैं। इसको लेकर नियमित वर्कचार्ज संघ के पदाधिकारियों ने एडीएम सिटी और मुख्य अभियंता को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की है।

मामला प्रशासन तक पहुंचने के बाद मुख्य अभियंता ने अधिशाषी अभियंताओं से इस बात की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है कि कौन लिपिक किस समय से डिवीजन में कार्यरत है। इस पर पीडब्ल्यूडी मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन के क्षेत्रीय मंत्री कमल अग्रवाल की तरफ से पत्र दिया गया कि मुख्य अभियंता ने किसी के दबाव में कार्रवाई की तो सभी लिपिक और प्रशासनिक अधिकारी आंदोलन करेंगे।

ऐसे शुरू हुआ है विवाद

पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड दो में कार्यरत एक महिला लिपिक ने रिटायर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी छेदीलाल से छुट्टी का भुगतान करने के नाम पर छह हजार रुपये की मांग की थी। कर्मचारी ने इसकी शिकायत पीडब्ल्यूडी नियमित वर्कचार्ज संघ के पदाधिकारियों से की थी। इसके बाद पदाधिकारी लिपिकों पर कार्रवाई के लिए लगातार ज्ञापन और धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। 

chat bot
आपका साथी