गड्ढे से अनजान और बेपरवाह बना सिस्टम, विपक्ष नहीं उठाता मुद्दा

मैं कानपुर हूं। एक औद्योगिक शहर जिसने प्रदेश को देश-दुनिया में पहचान दिलाई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Dec 2018 01:24 AM (IST) Updated:Sat, 22 Dec 2018 02:59 AM (IST)
गड्ढे से अनजान और बेपरवाह बना सिस्टम, विपक्ष नहीं उठाता मुद्दा
गड्ढे से अनजान और बेपरवाह बना सिस्टम, विपक्ष नहीं उठाता मुद्दा

कानपुर, जागरण संवाददाता। मैं कानपुर हूं। एक औद्योगिक शहर जिसने प्रदेश को देश-दुनिया में पहचान दिलाई। न जाने कितने ही मंत्री और सांसद दिए, लेकिन मेरा दर्द सुनने वाला कोई नहीं है। सत्ता पक्ष भाजपा के दो सांसद, चार विधायक, जिनमें से दो कैबिनेट स्तर के मंत्री, महापौर सब तो हैं फिर भी विकास मुझसे मीलों दूर है। कांग्रेस और सपा की तरफ आस लगाऊं भी तो कैसे, आज तक मुझसे जुड़ा कोई मुद्दा उठाया ही नहीं गया। आज मेरी पहचान गड्ढों से की जाती है। सड़कों पर गिरकर लोग चोटिल होते हैं फिर भी ध्यान नहीं दिया जाता। बजट जारी होता है तब खुद को 'जिम्मेदार' कहने वालों को मेरी सुध आती है, लेकिन पैचवर्क कागजों पर हो जाता है और बजट बंदरबांट में खत्म। किसी को यह नहीं दिखता। न विकास होता है न सड़कों की हालत सुधरती है। सड़कें बनना तो दूर गड्ढे तक नहीं भर पाते। आप भी कुछ उदाहरण देखिए-

पांच साल में नहीं बन पाई उखड़ी सड़क

टाटमिल से यशोदानगर तक पिछले पांच साल से सड़क का निर्माण चल रहा है, लेकिन सड़क अभी तक नहीं बन पाई। यह सड़क कई जगह से उखड़ने लगी है। डिवाइडर का काम चार दिन पहले शुरू किया गया है। 1948 लाख रुपये से सड़क का निर्माण कराया जाना है अभी तक शासन से 792 लाख रुपये मिले हैं। किदवईनगर चौराहे के पास कई जगह सड़क लीकेज और खोदाई के चलते उखड़ गई है।

मालरोड से बाइपास तक लीकेज में फंसी सड़क

मालरोड से बाइपास तक की सड़क लीकेज में फंस गई है। कई जगह से सड़क पूरी तरह उखड़ चुकी है। साकेत नगर में पिछले कई माह से लीकेज के कारण सड़क उखड़ी है। इसको ठीक कराने की बजाय सड़क निर्माण का हिस्सा ही छोड़ दिया गया। रोज कई वाहन चालक गिरकर चुटहिल होते है। सड़क की मरम्मत के लिए पांच करोड़ रुपये मिलने हैं, लेकिन अभी तक सिर्फ ढाई करोड़ रुपये ही मिले।

फुटपाथ का निर्माण ही नहीं

शारदा नगर क्रासिंग से बाइपास तक सड़क का निर्माण 38 करोड़ रुपये से होना है लेकिन अभी तक 17.4 करोड़ रुपये मिले है। शारदा नगर से विजय नगर तक सड़क निर्माण के दौरान कई जगह फुटपाथ छोड़ दिया गया है। नाला भी खुला पड़ा है। इस कारण यहां से गुजरने वाले लोगों को संघर्ष करना पड़ता है।

कब बनेगा पनकी पड़ाव से हनुमान मंदिर का रास्ता

पनकी पड़ाव से हनुमान मंदिर पनकी जाने वाला रास्ता कई वर्षो से टूटा पड़ा है। इस रास्ते से हजारों भक्त मंदिर जाते हैं। खतरनाक हो चुकी सड़क पर अब तक कई वाहन चालक गिरकर चुटहिल हो चुके है, लेकिन नगर निगम और पीडब्ल्यूडी के अफसरों को जनता का दर्द नहीं दिखाई दे रहा है।

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