एक किलोमीटर सड़क पर दो सौ गड्ढे

स्मार्ट सिटी बनाने के दावों को खोखला कर रहीं शहर की खस्ताहाल सड़कें

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 Sep 2018 02:17 PM (IST) Updated:Wed, 05 Sep 2018 02:17 PM (IST)
एक किलोमीटर सड़क पर दो सौ गड्ढे
एक किलोमीटर सड़क पर दो सौ गड्ढे

जागरण संवाददाता, कानपुर : कानपुर देश के उन शहरों की सूची में शामिल है जिन्हें सरकार स्मार्ट सिटी बनाने जा रही है। दावे खूब हो रहे हैं और स्मार्ट सिटी के नाम पर बातें भी। लेकिन, शहर की सड़कों पर गुजरते वक्त जो दुर्दशा नजर आती है, किसी की भी रूह कांप जाए। गड्ढे ही गड्ढे, जिनसे लगने वाले झटके स्मार्ट सिटी के ख्वाब में डूबे शहरवासियों के मन को हकीकत से साक्षात्कार के लिए झकझोर देते हैं। हद तो यह कि एक किलोमीटर सड़क पर सफर करने के लिए दो सौ गड्ढों की चुनौती से पार पाना पड़ता है। सड़कों की बदहाली इस सच्चाई को भी सहज बयां करती है कि विकास के लिए जिम्मेदार कितने गंभीर है। जागरण टीम ने शहर की सड़कों की बदहाली को करीब से देखा। गड्ढों से जूझते शहर के जनजीवन की दिक्कतों को महसूस किया। इसकी तस्वीर देख शायद जिम्मेदार पसीजे कि स्मार्ट सिटी के वास्ते दुरुस्त करने होंगे रास्ते।

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अर्मापुर नहर से पनकी, एक किमी सड़क गड्ढों में तब्दील

अर्मापुर नहर से पनकी ओर जैसे ही चलेंगे तो दाएं हाथ पर मुड़ते ही नहर किनारे करीब एक किलोमीटर की सीधी सड़क पनकी नहर की ओर जाती है। मगर इस एक किलोमीटर की सड़क में 200 छोटे-बड़े गड्ढे, आपकी ओर ऐसे आंखें तरेरेंगे जैसे वह आपको डरा रहे हों। बारिश के इस मौसम में यह सड़क किसी दलदल की तरह नजर आती है।

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नमक फैक्ट्री से पनकी रोड, चार किमी में 210 गढ्डे

नमक फैक्ट्री चौराहा से पनकी- कल्याणपुर मार्ग पर तक जाने वाले मार्ग चार किलोमीटर का है। इस पर 210 गढ्डे हैं। कई जगह तो पानी इतना भरा है कि राहगीर अंदाजा ही नहीं लगा सकते कि गड्ढा कितना गहरा है। इसी मार्ग पर पनकी कल्याणपुर मार्ग की तरफ से लौटते हैं तो गढ्डों की संख्या 160 हैं। आवास विकास परिषद ने सड़क को उपेक्षित छोड़ रखा है। ऐसे में अभी और कितने गड्ढे हो जाएंगे, कहना मुश्किल है।

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नौबस्ता चौराहा से हमीरपुर मार्ग, अफसरों को नहीं दिखती बदहाली

दक्षिण क्षेत्र के इस व्यस्ततम मार्ग पर अगर आप दो किलोमीटर ही चलें तो बीचोबीच बने गड्ढे कलेजा मुंह को ला देते हैं। जरा सा भी डगमगाए तो हादसा होना तय है। इस हाईवे पर नेताओं और अफसरों की गाड़ियां हूटर बजाते हुए निकल जाती हैं, पर उन्हें ये गड्ढे नहीं दिखते। इसी हाईवे से जुड़ा रास्ता मछरिया की ओर जाता है। डेढ़ किलोमीटर के इस रास्ते पर 100 गड्ढे अफसरों को मुंह चिढ़ाते हैं।

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फजलगंज से माल रोड तक गढ्डे बने जाम का सबब

फजलगंज चौराहा से लेकर मरे कंपनी पुल की ओर चलने पर गड्ढों पर वाहन सवार ऐसे फंसते हैं कि उनका काफी समय में जाम में ही खड़े-खड़े बीत जाता है। मरियमपुर चौराहा से नरेंद्र मोहन सेतु तक सड़क कई जगह टूटी है। स्वरूपनगर थाने से लेकर माल रोड की ओर जाने वाले रास्ते पर सड़क टुकड़ों में दिखती है।

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विभाग के पास बजट नहीं

लोक निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर एसके आर्या का कहना है कि टूटी सड़क बनवाने के लिए विभाग के पास बजट नहीं है। इसकी मांग शासन से की जा चुकी है। जब बजट आएगा, फौरन ही सड़क बनने लगेंगी। पैचवर्क का काम जारी है। यह एक सतत प्रक्रिया है। अगर छह-सात दिनों तक लगातार धूप निकल आए तो पैचवर्क के बाद गड्ढे नहीं होंगे।

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टेलीकॉम कंपनी की लापरवाही से धंसी एक्सप्रेस रोड

विभागों में समन्वय न होने का नुकसान शहरवासियों को खराब सड़कों के रूप में कैसे उठाना पड़ रहा है, इसी का ताजा उदाहरण एक्सप्रेस रोड है। दो दिन की मशक्कत के बाद पता चला कि सीवर लाइन का चैंबर केबिल डालते वक्त टेलीकॉम कंपनी ने तोड़ दिया, जिससे सड़क धंस गई।

शहर की प्रमुख एक्सप्रेस रोड रविवार को धंस गई। यहां इतना बड़ा गड्ढा हो गया कि आवागमन भी बाधित हो गया। जल निगम की टीम मरम्मत काम में जुटी थी, लेकिन पता नहीं चल रहा था कि सड़क आखिर धंसी कैसे। मंगलवार को नगर आयुक्त संतोष कुमार शर्मा भी निरीक्षण करने पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि यहां लगभग 27 साल पहले केडीए ने सीवर लाइन डाली थी। सड़क निर्माण के समय संबंधित संस्था ने सीवर के मेनहोल चैंबर को सड़क के स्तर तक नहीं उठाया और चैंबर 17 फीट नीचे दब गया। उसके बाद अभी किसी टेलीकॉम कंपनी ने केबिल डालने के लिए खोदाई की तो चैंबर टूट गया और लीकेज के कारण सड़क बैठ गई। जल निगम के परियोजना प्रबंधक पंकज यादव ने बताया कि केबिल हटाकर मेनहोल चैंबर को ऊपर उठाया जा रहा है। फिर भराव कर सड़क ठीक कर दी जाएगी। इसका खर्च वसूलने के लिए केडीए को पत्र लिखा जाएगा। उन्होंने बताया कि तीन दिन में काम पूरा हो जाएगा और आवागमन की समस्या से जूझ रहे राहगीरों को राहत मिल जाएगी।

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बैरीकेडिंग लगाकर भूल गए गढ्डा

यातायात पुलिस लाइन रेलबाजार के सामने की सड़क 10 दिन पहले धंस गई थी। करीब 10 फीट चौड़ाई में धंसी इस सड़क के गढ्डे को भरने की फुर्सत जलकल के अफसरों के पास नहीं है। हालत यह है कि मालरोड से रामादेवी की तरफ जाने वाले हजारों लोग इसी रास्ते से आते जाते हैं। सड़क की एक लेन बंद पड़ी है। दूसरी लेने पर दोनों तरफ का यातायात चलने से जाम की स्थिति उत्पन्न होती है।

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शहरवासियों का दर्द

टूटी सड़क से निकलने में फिसलने का डर लगता है। अगर समय से यह बन जाएं तो बेहतर होगा।

अनिल कुमार बाजपेई, पनकी

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जनता समय से अपना कर चुकाती है। इसलिए वह सुविधा भी चाहती है। सड़क पर सभी चलते हैं, पर इनमें जो गड्ढे हैं वह बदहाली दर्शाते हैं।

सत्यप्रकाश शर्मा, पनकी

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अफसरों को पता नहीं क्यों गड्ढे नहीं दिखते। आएदिन राहगीर गिरकर चुटहिल होते हैं। नेता भी इस ओर ध्यान नहीं देते।

सौरभ मिश्रा, शास्त्री नगर

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टूटी सड़कों पर फैली बजरी और उड़ती धूल से जीना दुश्वार है। कोई सरकारी विभाग सक्रिय नहीं है। बस सब बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। शहर की सभी टूटी सड़क बननी चाहिए।

सचिन बाजपेई, पांडु नगर

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