नेतृत्व को लेकर कांग्रेस नेताओं की आवाज नई नहीं, पहले भी कानपुर के दो पूर्व विधायक भी जता चुके हैं चिंता

कानपुर शहर में रहने वाले कांग्रेस के दो पूर्व विधायकों ने भी नेतृत्व को लेकर चिंता जताई थी तो पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था। अब फिर एक बार आवाज मुखर होने पर उन्होंने कहा कि पार्टी की मजबूती के लिए अच्छा ही होना चाहिये।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 09:56 AM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 09:56 AM (IST)
नेतृत्व को लेकर कांग्रेस नेताओं की आवाज नई नहीं, पहले भी कानपुर के दो पूर्व विधायक भी जता चुके हैं चिंता
कानपुर के वरिष्ठ नेताओं को देखना पड़ा था पार्टी से बाहर का रास्ता।

कानपुर, जेएनएन। जम्मू में आयोजित शांति सम्मेलन में नेतृत्व को लेकर कांग्रेस नेताओं की उठी मुखर आवाज नई नहीं है। कानपुर के दो पूर्व विधायकों ने भी इसे उठाया था और बदले में उन्हें पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था। हालांकि अब एक बार फिर आवाज मुखर हाेने लगी है।

नवंबर 2019 में पूर्व सांसद डॉ. संतोष सिंह के आवास पर जवाहर लाल नेहरु की जयंती मनाने को अनुशासनहीनता मानते हुए भूधर नारायण मिश्रा और नेक चंद पांडेय को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। शनिवार को जम्मू में उठी आवाज के संबंध में उन्होंने कहा कि आज पार्टी के वरिष्ठ नेता जो कह रहे हैं, उन्होंने भी वहीं बात उठाई थी। पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्रा के मुताबिक पार्टी को मजबूत करने के लिए जो कुछ भी किया जाएगा वह अच्छा होगा। पार्टी का कोई विरोधी नहीं है।

उन्होंने कहा कि सभी पार्टी की नीतियों से जुड़े हुए हैं। नेतृत्व अच्छी तरह काम करे, सभी यह चाहते हैं, लेकिन दूसरे दलों से लोगों को लाया जा रहा है और अपने समर्पित कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हो रही है। जबकि उनका सम्मान होना चाहिए। वास्तव में पार्टी जैसी चलनी चाहिए वैसी नहीं चल रही है। लोग कांग्रेस की तरफ देख रहे हैं, लेकिन कांग्रेस पता नहीं कहां देख रही है। उन्होंने कहा कि हम लोग एआइसीसी सदस्य थे लेकिन पीसीसी सदस्यों ने निष्कासित कर दिया जो ऐसा नहीं कर सकते थे।

वहीं पूर्व विधायक नेकचंद पांडेय ने कहा कि आज जो वरिष्ठ बात कह रहे हैं, वही बात हम लोगों ने भी कही थी। हम सभी कांग्रेस को लेकर चिंतित है। पार्टी को फिर से मजबूती से खड़ा करना होगा।

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