केडीए में हुआ था डीजल घोटाला, जांच के बाद दो कर्मी निलंबित और तीन जेई के खिलाफ संस्तुति

कानपुर विकास प्राधिकरण में अगस्त 2017 से दिसंबर 2019 के बीच डीजल की खपत ज्यादा दिखाकर घोटाला हुआ था। शिकायत पर मंडलायुक्त के जांच कराने पर पोल खुल गई। शिकायतकर्ता बचाऊ सिंह ने घोटाले की वसूली आरोपितों से करने की बात कही है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 07:51 AM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 07:51 AM (IST)
केडीए में हुआ था डीजल घोटाला, जांच के बाद दो कर्मी निलंबित और तीन जेई के खिलाफ संस्तुति
कानपुर विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार सामने आया।

कानपुर, जेएनएन। कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) में हुए डीजल घोटाले में दो कर्मचारी निलंबित कर दिए गए हैं। साथ ही केडीए उपाध्यक्ष राकेश सिंह ने विशेष सचिव आवास को पत्र लिखकर तीन जूनियर इंजीनियर को निलंबित करके कार्रवाई करने की संस्तुति की है।

केडीए में अगस्त 2017 से दिसंबर 2019 के बीच डीजल की ज्यादा खपत दिखाकर करोड़ों रुपये की चोट विभाग को लगाई गई थी। नगर निगम, विकास प्राधिकरण, जलकल कर्मचारी समन्वय संघ के अध्यक्ष बचाऊ सिंह की शिकायत पर जांच समिति गठित हुई थी। मामले में इस दौरान केयर टेकर विभाग में तैनात रहे तीन जूनियर इंजीनियर और दो कर्मचारियों पर आरोप सही मिले। जेई कर्मेंद्र सिंह यहां 29 अगस्त 2017 से 25 नवंबर 2018 तक तैनात थे। असत अली सिद्दीकी 26 नवंबर 2018 से दो अप्रैल 2019 तक और रविंद्र प्रकाश तीन अप्रैल 2019 से 31 दिसंबर 2019 तक तैनात रहे। इन तीनों को निलंबित करने के लिए केडीए उपाध्यक्ष राकेश सिंह ने विशेष सचिव आवास को पत्र भेजा है।

वहीं, दूसरी ओर केडीए के केयर टेकर अनुभाग में तैनात माली सुनील और मेट मुकेश को निलंबित कर दिया गया है। सुनील के मामले की जांच विशेष कार्याधिकारी सत शुक्ला को सौंपी गई है। मुकेश की जांच विशेष कार्याधिकारी आलोक वर्मा को दी गई है। वहीं, बचाऊ सिंह ने कहा कि सिर्फ निलंबन पर्याप्त सजा नहीं है। केडीए को नुकसान पहुंचाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों से ही नुकसान की भरपाई कराने के लिए वसूली की जाए।

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