फर्रुखाबाद में रिश्वत मांगने पर दो सिपाही निलंबित, भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दर्ज हुआ मुकदमा

शहर के आवास विकास कालोनी निवासी अभिनव गुप्ता का आधार कार्ड बनाने का सेंटर है। उन्होंने विगत दिनों एसपी को जालसाजी किए जाने का प्रार्थना पत्र दिया था। इस पर एसपी ने शहर कोतवाली प्रभारी को कार्रवाई करने धोखाधड़ी करने वाले का पता लगाने के आदेश दिए थे।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 09:07 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 09:07 PM (IST)
फर्रुखाबाद में रिश्वत मांगने पर दो सिपाही निलंबित, भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दर्ज हुआ मुकदमा
सिपाहियों के निलंबन की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

फर्रुखाबाद, जेएनएन। जनसुविधा केंद्र के संचालक को हिरासत में लेकर दो लाख रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में एसपी ने सर्विलांस सेल के दीवान और मेरापुर की अचरा पुलिस चौकी के दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया है। वहीं, संचालक की तहरीर पर अज्ञात पुलिस कर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम का मुकदमा दर्ज किया गया। मामले की विवेचना कर रहे सीओ कायमगंज ने पीडि़त के बयान दर्ज किए हैं। 

शहर के आवास विकास कालोनी निवासी अभिनव गुप्ता का आधार कार्ड बनाने का सेंटर है। उन्होंने विगत दिनों एसपी को जालसाजी किए जाने का प्रार्थना पत्र दिया था। इस पर एसपी ने शहर कोतवाली प्रभारी को कार्रवाई करने और सर्विलांस सेल को धोखाधड़ी करने वाले का पता लगाने के आदेश दिए थे। इस मामले में सर्विलांस सेल के दीवान सत्येंद्र कुमार ने पुलिस अधिकारियों को सूचना दिए बिना मेरापुर थाने की अचरा पुलिस चौकी के सिपाही कपिल ङ्क्षसह और ङ्क्षरकू से क्षेत्र के गांव नूरनगर निवासी जनसुविधा केंद्र संचालक रंजीत शाक्य को उठवा लिया। दोनों सिपाही रंजीत को आवास विकास चौकी लाए। यहां पर उससे छोडऩे के नाम पर दो लाख रुपये मांगे। मामले की जानकारी पर अमृतपुर विधायक सुशील शाक्य चौकी पहुंचे तो पुलिस कर्मी भाग गए थे। विधायक के कहने पर प्रभारी पुलिस अधीक्षक अजय प्रताप ने सीओ कायमगंज सोहराब आलम को जांच दी। सीओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर मंगलवार को सर्विलांस सेल के दीवान सत्येंद्र कुमार, सिपाही कपिल और ङ्क्षरकू को निलंबित कर दिया गया। जनसुविधा केंद्र के संचालक रंजीत की तहरीर पर मेरापुर पुलिस ने दो अज्ञात पुलिस कर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली। मुकदमे के विवेचक सीओ कायमगंज ने मंगलवार को मेरापुर थाने में रंजीत के बयान लिए। प्रभारी एसपी ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया है। विवेचना में जो नाम और सामने आएंगे, उनपर भी कार्रवाई की जाएगी। 

पकडऩे के बाद सिपाही बोले थे-एसओजी से आए हैं:  रंजीत ने दर्ज कराए गए मुकदमे में कहा है कि 10 अक्टूबर को वह अपने जनसुविधा केंद्र पर बैठा था। दोपहर एक बजे दो अज्ञात सिपाही बाइक से केंद्र पर आए। बोले कि वह स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) से हैं। फिर अपनी बाइक से ले गए थे। फतेहगढ़ में जबरन वीडियो में उससे कहलाया कि वह स्वयं ही आया है। उसे किसी ने गिरफ्तार नहीं किया है। रंजीत ने बताया कि अचरा से पहले सिपाहियों ने गाड़ी संख्या यूपी 13 बीएन 0499 में उन्हें बैठा लिया और दो लाख रुपये की रिश्वत मांगनी शुरू कर दी। सराय अगहत होते हुए उन्हें मोहम्मदाबाद ले गए। पुलिस कर्मी उनके रिश्तेदारों से बात करवाते रहे। उन्होंने पापा, मौसेरे और चचेरे भाई से रुपये मांगे। बताया कि एसओजी ने पकड़ा है, दो लाख रुपये दे दो तो छूट जाएगा। मोहम्मदाबाद स्थित बैंक में जो रुपये थे, उन्हें मिनी बैंक से निकलवाने की कोशिश की। वहां पर रुपये नहीं थे। फिर पुलिस कर्मी उन्हें लेकर फतेहगढ़ के एक स्कूल में पहुंचे। वहां पर उनका वीडियो बनाया। उसके बाद आवास विकास चौकी लेकर पहुंचे थे।  

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