बांदा में पेंशन न मिलने से परेशान फरियादी ने कमिश्नर कार्यालय परिसर में खाई सल्फास, अस्पताल में भर्ती

बबेरू कस्बे के कोर्रही गांव का 40 वर्षीय राजबीर सिंह वर्ष 1998 में सिंचाई विभाग में लिपिक के पद पर तैनात हुआ था। घरेलू समस्याओ को लेकर उसने बाद में जुलाई वर्ष 2018 में बीआरएस ले लिया था। वर्तमान समय में वह डीएम कालोनी के सरकारी आवास में रहता है।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 06:55 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 06:55 PM (IST)
बांदा में पेंशन न मिलने से परेशान फरियादी ने कमिश्नर कार्यालय परिसर में खाई सल्फास, अस्पताल में भर्ती
जहरीला पदार्थ खाने के बाद जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती पूर्व लिपिक राजबीर सिंह।

बांदा, जेएनएन। सिंचाई विभाग के बीआरएस ले चुके लिपिक ने पेंशन न मिलने से परेशान होकर कमिश्नर के कैंप कार्यालय परिसर में जहरीला पदार्थ खा लिया। कर्मचारियों व पुलिस कर्मियों ने शेष बचा जहरीला पदार्थ छीनकर उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया है। घटना के समय वह अपनी फरियाद लेकर आयुक्त के कार्यालय गया था। उसका आरोप है कि वह तीन वर्ष से पेंशन के लिए परेशान होकर अधिकारियों की चौखट पर चक्कर लगा रहा है। माली हालत बिगड़ने से उसके ऊपर लाखों रुपये कर्जा हो गया है। जमीन बिकने से भुखमरी की कगार पर है। 

बबेरू कस्बे के कोर्रही गांव का 40 वर्षीय राजबीर सिंह वर्ष 1998 में सिंचाई विभाग में लिपिक के पद पर तैनात हुआ था। घरेलू समस्याओ को लेकर उसने बाद में जुलाई वर्ष 2018 में बीआरएस ले लिया था। वर्तमान समय में वह डीएम कालोनी के सरकारी आवास में रहता है। शनिवार को वह पेंशन न मिलने की शिकायत लेकर आयुक्त कार्यालय गया था। जहां अन्य फरियादी भी प्रार्थना पत्र देने आए थे। आयुक्त को अपनी समस्या बताने के बाद उसने परिसर में ही जेब में रखी पन्नी से निकालकर जहरीला पदार्थ खा लिया। इसी बीच कर्मचारियों व पुलिस कर्मियों की नजर पड़ी तो उन्होंने पन्नी में शेष बचा जहरीला पदार्थ छीनते हुए उसे जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती कराया। जहां उसने बताया कि वह तीन वर्षों में अब तक हर उच्च अधिकारियों के पास अनगिनत बार अपनी फरियाद कर चुका है। घटना के समय भी उसे एक नवंबर को आने के लिए कहा गया था। जबकि उसके ऊपर अलग-अलग लोगों का करीब सात लाख रुपये कर्जा हो गया है। डेढ़ बीघा जमीन तक उसे औने-पौने दामों में करीब 60 हजार रुपये में दो वर्ष पहले बेचनी पड़ी थी। अब उसके पास न तो जमीन है और न ही घर खर्च चलाने को पेंशन मिल रही है। दस वर्ष की एक बच्ची ओबी है। उसके बीमार होने व पढ़ाई तक खर्च नहीं पूरा हो रहा है। जिसके चलते परेशान होकर उसने सल्फास खाया है। घटना के बाद आयुक्त दिनेश कुमार सिंह को उनका पक्ष जानने के लिए फोन लगाया गया। इसमें उनसे बात नहीं हो सकी है। 

बोले जिम्मेदार: कर्मचारी के बीआरएस लेने या सेवानिवृत्ति के बाद 15 से 20 दिन में उनके पेंशन सहित अन्य बकाए का भुगतान कर दिया जाता है। यदि कभी बजट की दिक्कत आती है तो अधिकतम दो माह के अंदर उसके खाते में बकाया सारा पैसा भेज दिया जाता है। हमारे यहां किसी भी सेवानिवृत्त कर्मचारी का भुगतान बकाया नहीं है। - संजय कुमार, अधिशाषी अभियंता, लघु सिंचाई विभाग

गेहूं में रखने को ली थी सल्फास: पूर्व लिपिक ने बताया कि लाकडाउन के समय उसने गेहूं में रखने के लिए सल्फास खरीदी थी। वही बच्चा सल्फास पाउडर उसने खाया है। उसके बाद से उसकी हालत ठीक नहीं है। पुलिस कर्मियों से पत्नी रीता व बच्ची को बुलवाने के लिए कहा है। लेकिन कई बार कहने के बाद भी घर से काफी देर बीतने के बाद भी किसी को बुलाया नहीं जा रहा है। 

बच्ची के बर्थडे को है परेशान: पूर्व लिपिक ने बताया कि शुगर व ब्लड प्रेशर का मरीज है। उसकी बच्ची का 28 अक्टूबर को बर्थ डे है। इससे रुपयों की आवश्यकता पड़ेगी। इन्हीं सब बातों से वह ज्यादा परेशान चल रहा है।

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