Triple Murder Kanpur: अवसाद या साजिश..., हकीकत जानने के लिए तलाशने होंगे इन सवालों के जवाब
कानपुर के इंदिरा नगर में डिविनिटी होम्स अपार्टमेंट में पत्नी बेटी और बेटे की हत्या के बाद गायब डॉक्टर के मामले में भाई की बातों से अवासद की बात सामने आई है लेकिन अबतक उसका पता नहीं चलने से साजिशन हत्या को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
कानपुर, जागरण संवाददाता। कल्याणपुर थाना क्षेत्र के इंदिरानगर स्थित डिविनिटी होम्स अपार्टमेंट में डाक्टर द्वारा पत्नी, बेटे और बेटी की हत्या के मामले में पुलिस उलझ गई है। डाक्टर क्या वाकई अवसादग्रस्त था या उसने योजनाबद्ध तरीके से इस वारदात को अंजाम दिया। बरामद नोट्स और भाई के बयान अवसाद की ओर इशारा कर रहे हैं, जबकि तमाम अन्य कारण हैं, जो योजनाबद्ध हत्याकांड की ओर इशारा कर रहे हैं।
अवसाद क्यों
डा. सुशील के भाई डा. सुनील के बयान और बरामद नोट अवसाद की ओर इशारा कर रहे हैं। पुलिस को डा. सुनील ने बताया कि है कि उनके भाई ने दो दिन पहले उन्हें खुद के अवसादग्रस्त होने की जानकारी दी थी। उसने बताया था कि करीब छह महीने पहले उसने सपने में पत्नी का गला दबाकर मार डालने का सपना देखा। आंख खुली तो वह ऐसा ही कर रहा था। इससे वह बेहद डरा हुआ है। इसके बाद कई बार उसे क्षणिक आवेश आता है, जिसमें पत्नी को गला दबाकर मार डालने का मन करता है। डा. सुनील के मुताबिक उनके भाई डिप्रेशन का शिकार थे। उन्होंने मानसिक इलाज कराने की सलाह उन्हें दी थी। कोविड संक्रमण हो या कोई भी बड़ी बात होने पर वह बहुत जल्दी परेशान हो जाते थे। डेल्टा वैरियंट आने पर भी परेशान हो गए थे। कोरोना का नया वैरियंट ओमिक्रोन आने से भी परेशान थे।
योजनाबद्ध हत्या क्यों
1- डा. सुशील ने जो नोट्स घर पर छोड़े हैं, उसमें लिखा है कि...मैं होशोहवास में अपने परिवार को खत्म करके खुद को भी खत्म कर रहा हूं। फोरेंसिक विशेषज्ञों के मुताबिक हत्या रात के समय चार से पांच बजे के बीच की गई होगी। अगर डाक्टर को मरना होता तो वह घर पर ही आत्महत्या कर लेता। घटना के करीब 12 घंटे बाद भाई को मोबाइल पर मैसेज करना उसके जिंदा होने के सबूत हैं। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि उसने खुद को हानि क्यों नहीं पहुंचाई।
2- डा. सुशील के पारिवारिक सदस्यों ने पुलिस को दिए गए बयान में यह भी बताया है कि डा. सुशील अपनी अध्यापक पत्नी पर शक करता था। इस शक का कोई आधार नहीं था, लेकिन सुशील का मानना था कि उनकी पत्नी किसी के संपर्क में है। इस जानकारी के सामने आने के बाद पुलिस पूरे मामले को अवसाद से इतर देख रही है। कहीं सुशील को यह शक तो नहीं था कि बच्चे भी उसके नहीं हैं। इसी सनक में उसने पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया। पूर्व में इस तरह की वारदातें हो भी चुकी हैं।
3- अवसाद में हत्या का मतलब है एक क्षण का फितूर। मगर फोरेंसिक टीम को घटनास्थल से एक सफेद रंग का पाउडर मिला है, जिसे पुलिस ने जांच के लिए कब्जे में ले लिया है। तीनों मरने वालों के शरीर पर बचने के लिए प्रतिरोध करने का कोई निशान नहीं मिला है। ऐसे में पुलिस मान रही है कि पहले उन्हें खाने में ऐसा कुछ दिया गया, जिससे वह बेसुध या बेहोश हो गए। इसके बाद हत्या को अंजाम दिया गया। इतना सब योजनाबद्ध तरीके से ही किया जा सकता है, ऐसे में अवसाद के सवाल पर सवाल खड़ा हो रहा है।
4- असवाद की कहानी जिस डायरी पर लिखी मिली है, उसमें सबसे पहले पन्ने पर खून के निशान भी मिले हैं। इससे पुलिस मान रही है कि यह नोट्स हत्या के बाद लिखे गए होंगे। इसलिए भी डाक्टर की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
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