Kanpur Private Hospitals: मरीजों से मोटी रकम वसूलते ट्रामा सेंअर, डाक्टरों का बोर्ड लगा इलाज करते फार्मासिस्ट
कानपुर शहर में जगह जगह मानकों को ताख पर रखकर ट्रामा सेंटर खुल गए हैं यहां न तो आक्सीजन युक्त बेड हैं और एंबुलेंस व प्रशिक्षित स्टाफ की सुविधा है। मरीजों को भर्ती करके इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूली जा रही है।
कानपुर, जेएनएन। शहर की स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत जानकर शायद आपको हैरानी हो। हालांकि यह सच है कि जिस अस्पताल में आप बेहतर इलाज की आस लेकर जा रहे हैं, वहां पर आपको डाक्टरों के नाम पर फार्मासिस्ट उपचार करते मिल सकते हैं। वे मरीज की जान को खतरे में डाल रहे हैं। मोटी रकम लेकर स्वास्थ्य सेवाओं का ड्रामा करने वाले सेंटरों के इसी सच को उजागर करने के लिए दैनिक जागरण अभियान चला रहा है। प्रतिदिन ऐसे ही बिना मानक के ट्रामा सेंटर और अस्पतालों की हकीकत सामने रखी जा रही है। इन सेंटरों और अस्पतालों में शायद ही मानक के मुताबिक कोई व्यवस्था मिल जाए।
दैनिक जागरण की टीम ने कल्याणपुर क्षेत्र की पड़ताल में पाया कि कई अस्पताल फार्मासिस्ट की देखरेख में चल रहे हैं। कल्याणपुर और शिवली रोड पर चंद कदम की दूरी पर घरों में ट्रामा सेंटर चल रहे हैं। उनके पास विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम सिर्फ बोर्ड पर ही है। सबसे पहले न्यू शिवली रोड स्थित राज हास्पिटल पहुंची, जो एक घर के निचले तल में संचालित है। बोर्ड पर दर्जनों नामचीन डाक्टरों की उपस्थिति दिखाने वाले अस्पताल में इमरजेंसी के साथ आइसीयू, एनआइसीयू की सेवाएं 24 घंटे देने की बात कही गई। सेंटर पर सीटी स्कैन, एमआरआइ और ओटी दूर की बात आक्सीजन युक्त बेड, एंबुलेंस, प्रशिक्षित स्टाफ तक नहीं दिखा। अस्पताल में आन काल पर डाक्टर को बुलाया जाता है।
सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक बात सामने आई कि अस्पताल चलाने वाले सज्जन फार्मासिस्ट होने के बाद भी खुद डाक्टर लिखते हैं, जब उनसे पूछा गया तो बोले, गलती से विजिङ्क्षटग कार्ड पर लिख गया इसे, जल्दी सही करा लूंगा। एक और राजफाश हुआ कि अस्पताल चलाने के लिए जरूरी अनुमति उनके पास नहीं है। इसी प्रकार से शौर्या हास्पिटल एवं ट्रामा सेंटर में जरूरत पडऩे पर डाक्टरों को बुलाने की बात कर्मचारी ने बताई। वैष्णवी हास्पिटल और गनेश मल्टी स्पेशलियटी हास्पिटल में भी डाक्टर दूसरे सेंटर से बुलाए जाते हैं।
नामी डाक्टरों से इलाज के नाम पर वसूलते मोटी रकम
शिवली रोड में चल रहे कथित ट्रामा सेंटर और अस्पतालों में चंद नामी डाक्टर के नाम पर मरीजों से मोटी रकम वसूली जा रही है। न्यूरो, आर्थों और अन्य नामी डाक्टर एक विजिट का दो से तीन हजार तक रुपये लेते हैं। इसके अलावा कमरों में चल रहे सेंटर बेड और अन्य सुविधाओं के लिए 15 हजार तक रुपये ले रहे हैं। इनके पास मेडिकल वेस्ट निस्तारण के लिए भी कोई विशेष सुविधा नहीं दिखी।
ट्रामा सेंटर के मानक
- बड़े स्तर का इमरजेंसी और स्पेशलियटी सेंटर।
- सभी प्रकार के सर्जन हों।
- एडवांस प्रकार की आक्सीजन युक्त एंबुलेंस।
- शिक्षित हेल्थ वर्कर हों।
- वेंटिलेटर और माइनर ओटी।
- आक्सीजन की उपलब्धता।
- ट्रामा सेंटर में पांच आइसीयू बेड जरूरी।
- कम से कम एक आपरेशन थियेटर।
- 500 एमए की एक एक्सरे मशीन।
- थ्री डी अल्ट्रासाउंड की मशीन, ईसीजी मशीन।
- सीटी स्कैन मशीन और पोर्टेबल यूएसजी।
नर्सिंगहोम के मानक
-अग्निशमन उपकरणों के अलावा पानी बिजली की व्यवस्था।
-संक्रमण वाले मरीजों को अलग रखने की व्यवस्था।
-वार्ड में बिस्तरों तक आक्सीजन सप्लाई व सेक्शन मशीन।
-प्रशिक्षित नर्स, सुरक्षित प्रसव कक्ष के साथ नवजात शिशुओं के इलाज की व्यवस्था।
-चिकित्सकीय कचरा निस्तारण की व्यवस्था।
-पंजीकृत प्रशिक्षित डाक्टरों की मौजूदगी के बाद ही संचालन।
-शहर में संचालित ट्रामा सेंटर और अस्पतालों के मानक की जांच करने की योजना बनाई जा रही है। जल्द ही सभी सेंटरों की जांच कराई जाएगी। बिना मानक के चल रहे ट्रामा सेंटर व अस्पतालों पर सख्त कार्रवाई होगी। -डा. नैपाल सिंह, सीएमओ