एक ई-वे बिल इनवाइस पर ट्रांसपोर्ट करना पड़ा महंगा

ई-वे बिल इनवाइस पर एक से ज्यादा बार पान-मसाला ट्रांसपोर्ट करना एक कंपनी को महंगा पड़ा गया। 22 दिसंबर 2020 को चौथी बार ट्रांसपोर्ट किए जा रहे माल को उन्नाव वाणिज्यकर (एसजीएसटी) कार्यालय की सचल दल टीम ने सुमेरपुर पाटन मार्ग पर पकड़ा था।

By Sarash BajpaiEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 10:12 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 10:12 PM (IST)
एक ई-वे बिल इनवाइस पर ट्रांसपोर्ट करना पड़ा महंगा
एक ई-वे बिल का इस्तेमाल करना व्यापारी को पड़ मंहगा।

कानपुर, जेएनएन। ई-वे बिल इनवाइस पर एक से ज्यादा बार पान-मसाला ट्रांसपोर्ट करना एक कंपनी को महंगा पड़ा गया। 22 दिसंबर 2020 को चौथी बार ट्रांसपोर्ट किए जा रहे माल को उन्नाव वाणिज्यकर (एसजीएसटी) कार्यालय की सचल दल टीम ने सुमेरपुर पाटन मार्ग पर पकड़ा था। ई-वे बिल जांचते हुए टीम ने ट्रक को माल सहित सीज कर वाणिज्य कर भवन, लखनपुर कानपुर में खड़ा करा दिया। इसके बाद कंपनी मालिक ने ई-वे बिल को सही बताते हुए वाणिज्यकर विभाग में अपील कर दी। लेकिन, सही सुबूत नहीं दे सका। इसके आधार पर तीन मार्च को कंपनी ने करीब 38 लाख रुपये अर्थदंड सहित टैक्स जमा किया है।

एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-2 बीके मिश्रा ने बताया कि पान-मसाला लदे ट्रक को उन्नाव में पकड़ा गया था। सचल दल प्रभारी अंशुल जगन्नाथ के नेतृत्व में टीम ने ट्रक को पकड़ा था। प्राथमिक जांच में एक ही ई-वे बिल इनवाइस पर कानपुर से ट्रांसपोर्टर द्वारा माल सहित ट्रक भेजा जा रहा था। इससे पहले तीन बार ई-वे बिल से माल भेजा जा चुका है। चौथी बार माल को ट्रांसपोर्ट किया जा रहा था। 22 दिसंबर को पकड़े गए ट्रक को सीज करते हुए ई-वे बिल से जुड़ी जांच की जा रही थी, यहां पर कंपनी ने अपील अधिकारी को जो भी दस्तावेज दिखाए वह सही नहीं मिले। विभागीय जांच सही पायी गई। अर्थदंड सहित लगभग 38 लाख रुपये टैक्स वसूला गया है।  

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