स्पेशल बच्चों को सफलता की राह दिखा रहे सत्येंद्र, काबिलियत से दिलाई राष्ट्रीय स्तर पर पहचान
कानपुर के कैंट में रहने वाले सत्येंद्र प्रेरणा स्पेशल स्कूल में प्रशिक्षक हैं और स्पेशल बच्चों को काबिलियत के आधार पर खेल का चयन कराके उसमें निखार लाते हैं। निरंतर अभ्यास के बाद कई बच्चों को बेहतर खिलाड़ी बना चुके हैं।
कानपुर, जेएनएन। खेल जगत में कानपुर को पहचान दिलाने में महिला व पुरुष खिलाड़ियों के साथ स्पेशल खिलाड़ियों का भी अहम योगदान रहा। इन होनहार खिलाड़ियों ने दिव्यांगता काे मात देते हुए अपनी काबिलियत का परिचय दिया और राष्ट्रीय फलक पर पहचान हासिल की। बच्चों की दिव्यांगता को उनकी काबिलियत में बदलने का काम स्पेशल ओलंपिक के कोऑर्डिनेटर व कोच सत्येंद्र सिंह यादव ने किया। वे लॉकडाउन व अनलॉक में स्पेशल बच्चों को ऑनलाइन माध्यम से प्रशिक्षित कर हुनरमंद बनाते रहे।
कैंट में रहने वाले 35 सत्येंद्र स्पेशल बच्चाें के स्कूल प्रेरणा स्पेशल स्कूल में बताैर प्रशिक्षक कार्यरत हैं। वे स्पेशल बच्चों को उनकी काबिलियत के आधार पर खेल का चयन कराके उसका निरंतर अभ्यास कराते हैं। समय-समय पर उनकी प्रतियोगिताओं व स्किल का परीक्षण भी करते हैं। उनकी लगन व मेहनत के कारण शहर के लगभग एक दर्जन से ज्यादा स्पेशल खिलाड़ी राष्ट्रीय फलक पर पहचान बना चुके हैं।
सत्येंद्र ने बतातें हैं कि इन बच्चों में खेल के प्रति बेहद लगाव होता है। सबसे खास बात यह है कि इन्हें जिन बारीकियों का एक बार अभ्यास करा दो उसे हमेशा याद रखते हैं। इन बच्चों की याद रखने की क्षमता दूसरों की अपेक्षा अधिक होती है, जो उनकी काबिलियत को बढ़ाती। इसी वजह से उन्हें सफलता मिलती है। मौजूदा समय में बच्चों के स्वजनों को ऑनलाइन माध्यम से फिटनेस व संबंधित खेल के टिप्स देकर निरंतरता रखी जा रही है।
इन खिलाड़ियों ने दी दिव्यांगता को मात : राष्ट्रीय स्तर पर हासिम व सुनीता, प्रदेश स्तर पर अभिषेक, प्रीति, बिलाल, आदर्श, निहाल, सृष्टि, गुल्शफा, रिफल, यशी, समीर, लारेफ, आयुष, मंतशा, जैद, इंशा, कृष्णा सरीखे नाम हैं। जिन्होंने खेलों में बेहतर कर पहचान बनाई।