चित्रकूट में दर्दनाक हादसा, गड्ढे के पानी में डूबकर भाई बहन की मौत, गुस्साए स्वजन ने जाम लगाकर किया हंगामा

नयागांव थाना अंतर्गत हनुमान धारा बाइपास रोड निवासी पप्पू वर्मा का सात वर्षीय दीपक और उसकी छोटी बहन छह वर्षीय निराशा घर के पीछे खेल रहे थे। उस वक्त उनकी मां खेत में चारा काट रही थी। दोनों बच्चे खेलते खेलते गड्ढे में गिर गए और पानी में डूब गए।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 03:34 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 03:34 PM (IST)
चित्रकूट में दर्दनाक हादसा, गड्ढे के पानी में डूबकर भाई बहन की मौत, गुस्साए स्वजन ने जाम लगाकर किया हंगामा
बच्चों के डूबने से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

चित्रकूट, जेएनएन। जनपद सीमा से सटे मध्यप्रदेश जिला सतना के नयागांव थाना क्षेत्र अंतर्गत हनुमानधारा बाइपास सड़क किनारे खेत में खुदे गड्ढे पर भरे पानी में डूबकर भाई बहन की मौत हो गई। सड़क निर्माण के लिए खेत से मिट्टी निकाली गई थी। स्वनज ने शव सड़क पर रखकर जाम लगाया। अधिकारियों ने मौके पर पहुंच चार-चार लाख रुपये का मुआवजा दिलाने का भरोसा देकर जाम खुलवाया है। साथ ही ठेकेदार पर कार्रवाई का भरोसा दिया। 

यह है पूरा मामला: नयागांव थाना अंतर्गत हनुमान धारा बाइपास रोड निवासी पप्पू वर्मा का सात वर्षीय दीपक और उसकी छोटी बहन छह वर्षीय निराशा घर के पीछे खेल रहे थे। उस वक्त उनकी मां खेत में चारा काट रही थी। दोनों बच्चे खेलते खेलते खेत में चार फीट गहरे गड्ढे में गिर गए और पानी में  डूब गए। उधर, जब काफी देर तक दोनों बच्चे नजर नहीं आए तो परिजन ने तलाश शुरू की। करीब तीन घंटा बाद संदेह होने पर गड्ढे में उतरकर देखा गया तो बच्चों उसमें पड़े थे। दोनों के जीवित होने की उम्मीद में परिजन उन्हें जानकीकुंड अस्पताल ले गए जहां डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया। 

बच्चों के शव रख परिजनों ने लगाया जाम: परिजन ने बच्चों के शवों को सड़क पर रखकर सतना मार्ग में जाम लगाया। उनकी मांग थी कि आर्थिक सहायता दिलाई जाए। खेत पर बने गड्ढे को भरवाया जाए। प्रभारी तहसीलदार ऋषि नारायण सिंह ने पुलिस बल के साथ मौके पर जाकर शासन के नियमानुसार चार-चार लाख रुपये आर्थिक मदद दिलाने और गड्ढा भरवाने का आश्वासन दिया। साथ ही ठेकेदार पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया। नयागांव थाना प्रभारी संतोष तिवारी ने बताया कि तहसीलदार के आश्वासन के बाद परिजनों ने धरना समाप्त कर दिया है और शव सड़क से उठाकर अंतिम संस्कार को परिजन ले गए हैं।

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