आज पूर्व भारतीय क्रिकेटर गोपाल शर्मा का जन्मदिन
जब भी कानपुर के क्रिकेट इतिहास की बात की जाएगी तो पूर्व भारतीय क्रिकेटर गोपाल शर्मा को याद किया जाएगा।
अंकुश शुक्ल, कानपुर
जब भी कानपुर के क्रिकेट इतिहास की बात की जाएगी तो पूर्व भारतीय क्रिकेटर गोपाल शर्मा का नाम सबकी जुबा पर आएगा। शहर से सबसे पहले भारतीय क्रिकेट टीम में जगह बनाने वाले गोपाल शर्मा ने ही महेंद्र सिंह धोनी जैसे कोहिनूर को पहचान कर भारतीय टीम में इंट्री की राह दिखाई थी। बतौर भारतीय क्रिकेट टीम के चयनकर्ता रहे पूर्व क्रिकेटर गोपाल शर्मा में उत्तर प्रदेश के कई प्रतिभावान खिलाड़ियों को भी भारतीय क्रिकेट टीम में पदार्पण कराया। वे उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के साथ लंबे समय से जुड़े हुए हैं और समय-समय पर प्रदेश के खिलाड़ियों को क्रिकेट का गुरु मंत्र देते हैं। शहर की गलियों से भारतीय क्रिकेट टीम तक का सफर तय करने वाले पूर्व क्रिकेटर गोपाल शर्मा का आज जन्मदिन है। पेश है उनके क्रिकेट का एक सफरनामा।
3 अगस्त 1960 को शहर में जन्मे गोपाल शर्मा ने ऑफ स्पिनर गेंदबाज और दाएं हाथ के बल्लेबाज के रूप में भारतीय क्रिकेट टीम में जगह बनाई। वर्ष 1985 से लेकर 1990 तक जब भारतीय क्रिकेट टीम में दिग्गज स्पिनर गेंदबाजों का बोलबाला रहता था। लक्ष्मण शिव रामकृष्णन, मोहिंदर अमरनाथ,अरशद अयूब, शिवलाल और नरेंद्र हिरवानी जैसे शानदार गेंदबाजी के बीच उस दौर में कानपुर से निकलकर भारतीय क्रिकेट टीम में जगह बनाना एक सपने जैसा था। पाच टेस्ट मैच और 11 एकदिवसीय मैच खेलने वाले गोपाल शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट में इंग्लैंड के खिलाफ और एकदिवसीय क्रिकेट में श्रीलंका के खिलाफ खेल कर क्रिकेट जगत में आगाज किया था। गोपाल शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट में अपना अंतिम मुकाबला वर्ष 1990 में श्रीलंका के खिलाफ खेला था। एकदिवसीय क्रिकेट में पाकिस्तान के खिलाफ शारजाह में खेला गया मुकाबला उनका अंतिम मैच था। क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद दिग्गज क्रिकेटर ने अपनी दूसरी पारी भारतीय क्रिकेट टीम में चयन करता के रूप में शुरू की। वर्ष 2004 और 2005 में भारतीय क्रिकेट टीम के चयनकर्ता पैनल में शामिल रहे गोपाल शर्मा ने महेंद्र सिंह धोनी को भारतीय क्रिकेट टीम में एंट्री दिलाई थी। दैनिक जागरण से कोई खास बातचीत में उन्होंने बताया कि जयपुर में साउथ अफ्रीका के साथ खेले गए प्रेसिडेंट ट्रॉफी में उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी को खेलते हुए देखा। विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी की कला को देखकर उन्होंने प्रतिभावान खिलाड़ी के सुनहरे भविष्य की योजना बना ली थी। उन्होंने बताया कि विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी में अद्भुत कला के साथ उनका खेल अन्य खिलाड़ियों से बहुत अलग था जो उन्हें सफल बनाने में कारगर साबित होगा इसलिए उन्हें टीम इंडिया में खेलने का अवसर दिया। जो कुछ समय बाद ही सही साबित हुआ। आपको बताते चलें कि गोपाल शर्मा ने धोनी को टीम इंडिया में खिलाने की पहल किरण मोरे और यशपाल शर्मा जैसे दिक्कत चयनकर्ताओं के बीच रखी जिसके बाद उनकी बात पर सभी ने हामी भरी। गोपाल शर्मा लंबे समय से उत्तर प्रदेश क्रिकेट टीम के सीनियर चयनकर्ता रहे हैं। क्रिकेट के लिए उनका जुझारूपन आज भी मैदानों में देखने को मिलता है। संक्रमण काल से पहले हुए रणजी टूर्नामेंट में हुए उत्तर प्रदेश क्रिकेट टीम के साथ रहकर खिलाड़ियों को बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित करते रहे। ग्रीन पार्क में मैच से पहले आकर खिलाड़ियों को जरूरी टिप्स और इनका मनोबल बढ़ाते अक्सर देखते थे। क्रिकेट के प्रति उनकी इस दीवानगी के कायल क्रिकेटर और उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारी भी रहते हैं। युवा क्रिकेटरों को आज भी क्रिकेट का गुरु मंत्र देते हैं दिक्कत क्रिकेटर
पूर्व क्रिकेटर गोपाल शर्मा उम्र के इस पड़ाव पर भी युवा क्रिकेटरों को जरूरी टिप्स देते हुए नजर आते हैं। उत्तर प्रदेश टीम के ज्यादातर खिलाड़ी अभ्यास मैच के दौरान उन से प्रशिक्षण हासिल करते दिख जाते हैं। गोपाल शर्मा गेंदबाजों को मौसम और पिच का रुख देखकर गेंदबाजी करने का गुरु मंत्र देते हैं। उनके दौर को यूपी क्रिकेट का स्वíणम दौर माना जाता है
बतौर चयनकर्ता रहते हुए गोपाल शर्मा ने उत्तर प्रदेश के प्रतिभावान खिलाड़ियों को भारतीय क्रिकेट टीम में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। उनके समय में सुरेश रैना भुवनेश्वर कुमार आरपी सिंह मोहम्मद कैफ पीयूष चावला जैसे कई खिलाड़ी एक साथ भारतीय टीम में खेलते हुए दिखते थे। पूर्व क्रिकेटरों के मुताबिक यूपी क्रिकेट के लिए वह दौर सच में स्वíणम दौर था। जब एक साथ भारतीय क्रिकेट टीम में कई यूपी के चेहरे खेलते थे।