उरई में पुलिस ने जिस युवक को तमंचा रखने के आरोप में पकड़ा, जमानत पर बाहर आते ही उसने की आत्महत्या
विनय के स्वजन का आरोप है कि पुलिस ने विनय को निर्दोष होते हुए भी तमंचा लगाकर जेल भेज दिया था। जब वह जमानत पर छूटकर आया तो रात में चौकी इंचार्ज अभिषेक सिंह ने फिर से घर पर आकर उसके साथ मारपीट की
कानपुर, जेएनएन। कोतवाली क्षेत्र के इंदिरा नगर में जमानत पर जेल से बाहर आए युवक ने फंदा लगाकर जान दे दी। स्वजन ने पुलिस उत्पीडऩ का आरोप लगाते हुए जिला अस्पताल के बाहर शव रखकर जाम लगा दिया। इससे हालात तनावपूर्ण बन गए। एएसपी के जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन देने पर स्वजन माने।
28 वर्षीय विनय रायकवार को पुलिस ने पिछले दिनों तमंचा रखने के आरोप में जेल भेजा था। 28 अप्रैल को वह जमानत पर जेल से बाहर आया था। शुक्रवार रात उसने कमरे में फंदा लगाकर जान दे दी। स्वजन का आरोप है कि पुलिस ने फर्जी ढंग से उसको जेल भेजा था। उसके जेल से बाहर आने के बाद पांच मई को रात में चौकी इंचार्ज अभिषेक ङ्क्षसह ने घर आकर उसकी पिटाई की थी। दहशत में आकर उसने जान दी है। मां गुड्डन देवी ने शनिवार सुबह एसपी कार्यालय पहुंचकर एएसपी से मिलकर मंडी पुलिस चौकी इंचार्ज अभिषेक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की गुहार लगाई। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर स्वजन ने जिला अस्पताल के सामने सड़क पर शव रखकर जाम लगा दिया। सीओ सिटी संतोष कुमार के काफी समझाने के बाद लोगों ने जाम खोला। एएसपी राकेश का कहना है कि मामले की जांच कराकर कार्रवाई होगी। वहीं, आरोपित दारोगा ने कहा कि तमंचे के साथ विनय को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था। प्रताडऩा या मारपीट की बात बेबुनियाद है।
मजदूरी करता था विनय : विनय के पिता सुरेश रायकवार की मौत पहले ही हो चुकी है। वह और उसकी मां गुड्डन देवी मजदूरी कर गुजर-बसर करते थे। उसकी मौत के बाद मां पूरी तरह से बेसहारा हो गई है। रोती बिलखती मां को देख सबकी आंखें नम हो गईं।
आंखें निकली देख भड़का गुस्सा : जिला अस्पताल की मॉच्र्युरी से शव को बाहर निकाला गया तो आंखें बाहर निकली हुई थीं। यह देख स्वजन आक्रोशित हो गए। अंदेशा जताया जा रहा है कि बिना सील किए शव रखा होने की वजह से चूहों ने आंखें कुतर दीं।