केंद्रीय विद्यालयों में टाइम आउट क्विज में हल करें बहुविकल्पीय सवाल, वीडियो काल पर सब्जेक्टिव पेपर
केंद्रीय विद्यालयों में अगस्त में पीरियोडिक टेस्ट आनलाइन कराए जाएंगे और नकल रोकने के लिए शिक्षक वीडियो काल समेत नवीन तकनीकों की मदद लेंगे। समूह में वीडिया काल पर छात्र समूह में उपस्थित रहेंगे। केंद्रीय विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को भी जानकारी दे दी गई है।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना महामारी के चलते पिछले साल से ही केंंद्रीय विद्यालयों (केवी) में आनलाइन पढ़ाई शुरू हो गई थी। अभी, स्कूल बंद हैं इसलिए अब इन स्कूलों में परीक्षाएं (पीरियोडिक टेस्ट) भी आनलाइन कराने का फैसला किया गया है। वहीं, परीक्षाओं में जब छात्र घर पर रहेंगे तो निश्चित तौर पर नकल की संभावनाएं प्रबल होंगी।
ऐसी स्थिति में स्कूलों में नवीन तकनीकों की मदद से सभी विषयों में पेपर को दो अलग-अलग प्रारूपों में विभाजित कर दिया गया है। 50 फीसद प्रश्न जहां बहुविकल्पीय कराए जाएंगे, वहीं 50 फीसद सवाल सब्जेक्टिव होंगे। बहुविकल्पीय प्रश्नों को हल करते समय टाइम आउट क्विज की प्रक्रिया को अपनाना होगा। यानि, हर सवाल का जवाब देने के लिए एक निश्चित समय तय रहेगा। इसी तरह, जब सब्जेक्टिव पेपर हल करना होगा तो शिक्षकों के साथ छात्र समूह में वीडियो काल पर रहेंगे। जिससे शिक्षकों की निगरानी में ही वह पेपर हल कर सकें।
वार्षिक मूल्यांकन में जोड़े जाएंगे अंक
केंद्रीय विद्यालय आइआइटी के प्रधानाचार्य आरएन वडालकर ने बताया कि तीसरी से लेकर 12वीं तक के छात्रों को वर्ष में तीन बार पीरियोडिक टेस्ट देने होते हैं। वार्षिक मूल्यांकन के दौरान सभी टेस्ट में मिले अंकों का जोड़ देखा जाता है। बोले, छात्रों को गंभीरता के साथ ये परीक्षाएं देनी होंगी। परीक्षाओं को लेकर सभी केंद्रीय विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को भी जानकारी दे दी गई है।