पाकिस्तान सीमा में प्रवेश करने पर बांदा के तीन युवक गिरफ्तार, कई को पहले भी बनाया जा चुका बंदी
अगस्त माह के अंतिम में 12 साल पहले गुम हुए रामबहादुर पाकिस्तान की जेल से रिहा करके अमृतसर की अटारी सीमा में पहुंचा दिया गया था। कागजी औपचारिकताओं के बाद वह अब अपने घर पहुंच चुके हैं। इधर मछली पकड़ने ठेकेदार के साथ गए तीन और मछुवारे पकड़े गए हैं।
बांदा, जेएनएन। नरैनी तहसील के पचोखर गांव निवासी रामबहादुर को अरसे बाद पाकिस्तान की जेल से रिहाई मिली थी। इसके बाद उन परिवारों में आस जगी थी, जिनके घर के चिराग अभी पाक जेल में बंद हैं। जिले के छह लोग पाकिस्तान जेल में प्रताड़ना का शिकार हो रहे हैं। इनकी संख्या में तीन और की बढ़ोतरी हो गई। जिले के तिंदवारी ब्लाक के कुछ गांवों के युवा मछली पकड़ने के लिए गुजरात के पोरबंदर जाते हैं। नाव से मछली पकड़ने के दौरान पानी के बहाव में देश की सीमा पार कर पाक में प्रवेश कर जाते हैं। ऐसे ही तीन युवक पाकिस्तानी सैनिकों की गिरफ्त में फिर आ गए। सोमवार देर शाम स्वजन को सूचना मिली है। हालांकि स्थानीय पुलिस अभी मामले से वाकिफ नहीं है। सनद रहे कि रामबहादुर के रिहा होने के बाद भी अभी जिले के छह युवक पाकिस्तान की जेल में बंद हैं। जबकि महोबा जिले के लिलवाही गांव का भी एक युवक कैद है।
अगस्त माह के अंतिम में 12 साल पहले गुम हुए रामबहादुर पाकिस्तान की जेल से रिहा करके अमृतसर की अटारी सीमा में पहुंचा दिया गया था। कागजी औपचारिकताओं के बाद वह अब अपने घर पहुंच चुके हैं। इधर, मछली पकड़ने ठेकेदार के साथ गए तीन और मछुवारे पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा पकड़े जाने की खबर देर शाम स्वजन तक पहुंची है। हालांकि खबर मिलते ही स्वजन बेचैन हो गए हैं।
पहले से यह हैं पाक जेल में कैद: तिंदवारी के जसईपुर और सिंघौली गांव के छह युवक पाक की जेल में कैद हैं। करीब चार साल से मां-पिता को उनका इंतजार है। जसईपुर गांव के रफीक अहमद, विवेक कुशवाहा, बाबू, रोहित और सिंघौली गांव के राजू कुशवाहा, बिसंडा के बच्ची के अलावा महोबा जिले के लिलवाही गांव निवासी सुनील समेत सात युवक नवंबर 2017 से पाकिस्तान जेल में कैद हैं।