यूरेनियम बताकर तीन करोड़ की ठगी का प्रयास करने वाले शमी की कानपुर में दर्ज है गुमशुदगी

इंदौर की स्पेशल टास्क फोर्स ने चमकीले मिश्रण को यूरेनियम बताकर ठगी करने वाले शम्मी को गिरफ्तार किया है उसकी गुमशुदगी कानपुर शहर के कल्याणपुर में दर्ज है। स्वजन का कहना है कि शमी अपने दोस्त के साथ मैच खेलने निकला था।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 07:47 AM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 07:47 AM (IST)
यूरेनियम बताकर तीन करोड़ की ठगी का प्रयास करने वाले शमी की कानपुर में दर्ज है गुमशुदगी
कानपुर से जुड़े हैं मध्य प्रदेश में ठगी के तार।

कानपुर, जेएनएन। चमकीले मिश्रण को यूरेनियम बताकर इंदौर में बेचने की कोशिश पर पकड़े गए शम्मी राजपूत की गिरफ्तारी पर उसके स्वजन सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि शम्मी शनिवार से लापता था और कल्याणपुर में उसकी गुमशुदगी भी दर्ज है।

इंदौर की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने ठगी की कोशिश कर रहे कानपुर के चार लोगों को गिरफ्तार किया है। वे चमकीले मिश्रण को यूरेनियम बताकर तीन करोड़ रुपये में बेचने की फिराक में थे। एसटीएफ के मुताबिक शम्मी पुत्र चंद्रप्रकाश राजपूत निवासी सराय मसवानपुर, योगेश, सीमू पुत्रगण नरेंद्र कुमार शुक्ला व कमल पुत्र हीरालाल वर्मा निवासी आवास विकास को गिरफ्तार किया गया है। मंगलवार को शम्मी के स्वजन को जानकारी मिली कि उनका बेटा इंदौर पुलिस के कब्जे में है।

कबाड़ का कारोबार करने वाले चंद्रप्रकाश राजपूत ने बताया कि उनका बेटा अपने साथी शुभम यादव के साथ बाइक से अर्मापुर एस्टेट में क्रिकेट खेलने गया था। तब वह लापता हैं। कल्याणपुर थाने में सोमवार को ही गुमशुदगी दर्ज कराई गई है। चंद्रप्रकाश के मुताबिक मंगलवार को शुभम वापस आ गया तो उसने बताया कि शम्मी इंदौर पुलिस के कब्जे में है। उससे भी यूरेनियम को लेकर पूछताछ की, लेकिन उसे छोड़ दिया गया।

आरोप लगाया कि बेटे की बाइक पनकी रेलवे स्टेशन पर खड़ी कराकर इंदौर पुलिस साथ ले गई। वहीं योगेश और सीमू शुक्ला के आवास विकास स्थित मकान पर ताला बंद है। स्थानीय लोगों के मुताबिक दोनों पान की दुकान करते थे और एक माह से लापता हैं। इंस्पेक्टर कल्याणपुर जनार्दन प्रताप ङ्क्षसह ने बताया कि इंदौर पुलिस की ओर से चारों आरोपितों की गिरफ्तारी की जानकारी मिली है। इनमें किसी के खिलाफ स्थानीय स्तर पर आपराधिक मुकदमा नहीं है। शम्मी की गुमशुदगी दर्ज है।

कानपुर में आम हैं टप्पेबाजी की घटनाएं दिसंबर 2020 में आइसीआइसीआइ बैंक में सोने की परत वाले जेवर गिरवी रखकर नई दिल्ली के रहीसुद्दीन मलिक व सुजातगंज के सिराजुद्दीन ने 8.14 लाख रुपये का लोन ले लिया था। चार जनवरी को जब वह दोबारा पहुंचे तो बैंककर्मियों ने उन्हें पकड़ लिया। पुलिस ने दोनों को जेल भेजा था। अक्टूबर 2020 में पुलिस ने झकरकटी बस अड्डे पर नकली सोने के बिस्कुट बेचने का झांसा देकर ठगने वाले गोंडा निवासी कलीम अहमद, बाबू उर्फ ताज मोहम्मद व शिवकुमार को गिरफ्तार किया था। अप्रैल 2016 में पुलिस ने झकरकटी बस अड्डे पर ही फर्जी इंस्पेक्टर समेत तीन व्यक्तियों को ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। आरोपितों से नकली सोने के 270 सिक्के व चार लाख रुपये बरामद हुए थे।

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