कचहरी में वकीलों के बीच फायरिंग में तीन सिपाही निलंबित, घटनास्थल के पास लगी थी ड्यूटी
कानपुर में कचहरी परिसर में वकीलों के दो पक्ष भूमि विवाद को लेकर आमने सामने आ गए थे और हवाई फायरिंग किए जाने से अफरा तफरी का माहौल बन गया था। कचहरी की सुरक्षा में लापरवाही के चलते पुलिस महकमे ने कार्रवाई की है।
कानपुर, जेएनएन। भूमि विवाद के चलते कचहरी में अधिवक्ताओं के बीच हुई मारपीट और फायरिंग के मामले में डीआइजी ने लापरवाही बरतने वाले कचहरी चौकी के तीन सिपाहियों को निलंबित कर दिया है। तीनों की ड्यूटी घटनास्थल के पास ही लगी थी, लेकिन उन्होंने लापरवाही बरतते हुए झगड़े को रोकने की कोशिश नहीं की। उन्होंने उच्चाधिकारियों को भी इसकी सूचना नहीं दी। आरोपितों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी होगी।
22 फरवरी की शाम भूमि विवाद के चलते अधिवक्ता एचपी सिंह और धर्मेंद्र यादव के बीच कचहरी में पंचायत हो रही थी। इसी दौरान अचानक दोनों पक्षों में नोकझोंक व मारपीट होने लगी और फिर दोनों ओर से फायरिंग शुरू हो गई। गनीमत रही कि फायरिंग में किसी को गोली नहीं लगी थी। सूचना पर कई थानों की फोर्स पहुंची। इसके बाद धर्मेंद्र सिंह ने एचपी सिंह व उनके चार साथियों के खिलाफ बलवा, कातिलाना हमला व 7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट की धाराओं में मुकदमा लिखाया था।
अगले दिन एचपी सिंह की ओर से मंगला विहार निवासी अधिवक्ता विमल सिंह ने धर्मेंद्र यादव, संजय सिंह, कृष्णनंद झा, गोपाल शरण चौहान, आशुतोष सिंह कटियार, सुनील पांडेय व करीब 25 अन्य लोगों के खिलाफ बलवा, हत्या का प्रयास व डकैती की धारा में मुकदमा लिखाया था। पुलिस की जांच में सामने आया है कि घटना के दौरान पास ही कचहरी चौकी के हेड कांस्टेबिल जितेंद्र सिंह और सिपाही संदीप कुमार व लोकेंद्र तैनात थे, लेकिन उन्होंने बीचबचाव करने या घटना को रोकने की कोशिश नहीं की। एसपी पूर्वी शिवाजी ने बताया कि लापरवाही बरतने पर तीन सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया है।
अब तक नहीं हुई आरोपितों पर कार्रवाई
झगड़े व फायरिंग के मामले में दोनों पक्षों की ओर से अधिवक्ताओं के शामिल होने के चलते पुलिस सावधानी से जांच आगे बढ़ा रही है। अब तक किसी भी आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। इतना ही नहीं पुलिस अब तक स्वतंत्र गवाह भी नहीं ढूंढ सकी है।