कानपुर: ग्रामीण बैंकों में हजारों पद खाली, 4,400 ग्राहकों को डील कर रहा एक स्टाफ

देशभर के 43 रीजनल रूरल बैंक में इस समय करीब 90 हजार अधिकारी व कर्मचारी हैं और इन बैंकों में 40 करोड़ करीब ग्राहक हैं। इस तरह एक स्टाफ के ऊपर 4400 ग्राहक हैं। जबकि राष्ट्रीयकृत बैंक में एक स्टाफ पर अधिकतम ढाई हजार ही ग्राहक हैं।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 06:03 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 06:03 PM (IST)
कानपुर: ग्रामीण बैंकों में हजारों पद खाली, 4,400 ग्राहकों को डील कर रहा एक स्टाफ
कानपुर के बैंकों की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। वर्कलोड के हिसाब से देश के ग्रामीण बैंकों में 35 हजार से अधिक पद खाली हैं। इनकी संख्या सवा लाख होनी चाहिए थी, लेकिन वर्तमान में ये करीब 90 हजार ही हैं। ग्रामीण बैंक के अधिकारी और कर्मचारी मित्र कमेटी की सिफारिशों को लागू करने की आवाज कई वर्षों से उठा रहे हैं। अब एक बार फिर आंदोलन की तैयारी की जा रही है। नेशनल फेडरेशन आफ रीजनल रूरल बैंक आफिसर्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष सगुण शुक्ला के मुताबिक ग्रामीण बैंक के स्टाफ पर राष्ट्रीयकृत बैंकों के स्टाफ की तुलना में दोगुना बोझ है, यह ठीक नहीं है। इस मामले में आंदोलन खड़ा करने के लिए जुलाई में राष्ट्रीय स्तर पर बैठक भी हुई है जिसमें आगे की रणनीति बनाने का निर्णय लिया गया है।

देशभर के 43 रीजनल रूरल बैंक में इस समय करीब 90 हजार अधिकारी व कर्मचारी हैं और इन बैंकों में 40 करोड़ करीब ग्राहक हैं। इस तरह एक स्टाफ के ऊपर 4,400 ग्राहक हैं। जबकि राष्ट्रीयकृत बैंक में एक स्टाफ पर अधिकतम ढाई हजार ही ग्राहक हैं। निजी बैंकों में तो यह संख्या और भी कम है और एक स्टाफ पर अधिकतम नौ सौ से करीब स्टाफ है। राष्ट्रीय अध्यक्ष के मुताबिक ग्रामीण बैंकों का कुल कारोबार आठ लाख 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक का है। देश की चार-पांच बड़े बैंकों का कारोबार ही इससे अधिक है। इसके बाद भी ग्रामीण बैंकों की उपेक्षा हो रही है। उनके मुताबिक बैंकों में जितना कारोबार है, उसके हिसाब से करीब 35 हजार पद और होने चाहिए। जबकि ऐसा नहीं हो रहा है। जहां तीन अधिकारी होने चाहिए, वहां एक अधिकारी से कार्य चलाया जा रहा है। भर्तियों को लेकर जल्द ही बड़ा अभियान चलाया जाएगा क्योंकि लगातार सेवानिवृत्ति से यह स्थिति और खराब हो रही है।

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