कानपुर में हालात हो गए इतने खराब कि कई लोग उधार मांग कर चला रहे जिंदगी की गाड़ी

ऐसे तमाम टेंपो आटो चालक हैं जिनके लिए जीवन मुश्किल हो गया है। शहर में इनकी संख्या हजारों में है जबकि प्रदेश में यह लाखों में हैं। ऐसी स्थिति में इनकी समस्या समाधान के लिए सरकार को कोई न कोई निर्णय लेना ही चाहिए।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 01:04 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 01:04 PM (IST)
कानपुर में हालात हो गए इतने खराब कि कई लोग उधार मांग कर चला रहे जिंदगी की गाड़ी
समाधान के लिए सरकार को कोई न कोई निर्णय लेना ही चाहिए

कानपुर, जेएनएन। संक्रमण की चेन रोकने को कोरोना कफ्र्यू जरूरी है लेकिन इसके लगातार बढऩे से आफत गरीबों पर पड़ रही है। घर का खर्च चलाने के लिए लोग कर्ज ले रहे हैं। सबसे ज्यादा समस्या आटो और टेंपो चलाने वालों के साथ है। उनके लिए वाहन की किश्त जुटाना तो मुश्किल हो ही रहा है जिंदगी की गाड़ी आगे बढ़ाने के लिए कर्ज तक लेना पड़ रहा है। खबर में दिए दो मामले इसकी बानगी भर हैं। ऐसे तमाम टेंपो आटो चालक हैं जिनके लिए जीवन मुश्किल हो गया है। शहर में इनकी संख्या हजारों में है जबकि प्रदेश में यह लाखों में हैं। ऐसी स्थिति में इनकी समस्या समाधान के लिए सरकार को कोई न कोई निर्णय लेना ही चाहिए।

केस एक : फेथफुलगंज के राजकुमार ने पिछले साल चौपहिया वाहन खरीदा था। पंद्रह हजार रुपये प्रतिमाह वह किश्त भी देते हैं। पिछले साल कोविड से वह लगातार परेशान हैं और गाड़ी की किश्त भी नहीं दे पा रहे हैं। जैसे तैसे गाड़ी पटरी पर आयी थी और कुछ कमाई होना शुरू हुई लेकिन फिर से कोरोना कफ्र्यू लग गया। अब उन्हेंं घर चलाने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। केस दो : मीरपुर के वासु गुप्ता ने लोडर खरीदा था। हर माह 22 हजार रुपये किश्त देते थे। पिछले साल लॉक डाउन लगा तो समस्या शुरू हो गई। बीमा कंपनी ने तीन माह की किश्तें नहीं ली लेकिन बाद में उन किश्तों का भी ब्याज जोड़कर पैसा ले लिया। अब एक बार फिर कोरोना कफ्र्यू लग गया, जिससे उनकी आय घट गई। जो जोड़ा था वह भी धीरे-धीरे खत्म हो रहा है।

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