उरई : खाद, बीज की कमी नहीं, बारिश न होने से दुविधा में अन्नदाता
कई जिंस ऐसी हैं जिनकी बोआई का कोई लाभ नहीं है। दलहन तिलहन की बोआई की जा सकती है लेकिन किसानों के सामने दुविधा यह है कि अगर बोआई के बाद मौसम अनुकूल नहीं हुआ तो खासा नुकसान हो सकता है
उरई, जेएनएन। खरीफ के लिए जिले में खाद, बीज की उपलब्धता पर्याप्त है। लेकिन किसान असमंजस की स्थिति में है। किसानों का मानना है कि बोआई कर भी दें और इसके बाद बारिश नहीं हुई तो नुकसान हो सकता है। उर्वरक व बीजों की मांग तो कुछ बढ़ी है लेकिन अधिक नहीं।
मानसून की बेरुखी से इस बार खरीफ की बोआई में संकट आ गया है। कई जिंस ऐसी हैं जिनकी बोआई का कोई लाभ नहीं है। दलहन तिलहन की बोआई की जा सकती है लेकिन किसानों के सामने दुविधा यह है कि अगर बोआई के बाद मौसम अनुकूल नहीं हुआ तो खासा नुकसान हो सकता है। इससे किसान हिचक रहे हैं। हालांकि ऐसा नहीं है तमाम किसानों ने हिम्मत जुटाई है कि दलहन तिलहन की पैदावार कर ली जाए। इससे खाद बीज की मांग कुछ बढ़ी है लेकिन इसके बाद भी खरीफ का लक्ष्य 25 फीसद भी पूरा होता नजर नहीं आ रहा है।
जिले में खाद की स्थिति :
यूरिया - लक्ष्य 5398 मीट्रिक टन, उपलब्धता 6250 मीट्रिक टन डीएपी - लक्ष्य 2120 मीट्रिक टन, उपलब्धता 4593 मीट्रिक टन समितियों को आवंटन की स्थिति 1724 एमटी यूरिया व 1000 एमटी डीएपी बीज की उपलब्धताउपलब्धता
इनका ये है कहना जिले में पर्याप्त बीज है और गोदामों में भेजा भी जा चुका है। इस बार बारिश बेहद कम होने से किसानों को दिक्कत आ रही है। कृषि विभाग किसानों की हर समस्या के समाधान के लिए तत्पर है। - गौरव यादव जिला कृषि अधिकारी जिले में खाद की कोई कमी नहीं है। लक्ष्य के मुताबिक डीएपी व यूरिया पहले ही मंगवा ली गई थी। समितियों को आवंटन किया जा चुका है। - प्रेमचंद सहायक निबंधक सहकारिता