वाणिज्य कर विभाग और रेलवे में पहले भी होते रहे हैं विवाद, इस बार फंसा एक पार्सल कोच

कर अपवंचना का माल पकडऩे के लेकर सेंट्रल स्टेशन के पास पहले भी कई बार रेलवे तथा वाणिज्य कर विभाग के कर्मचारियों के बीच विवाद होता रहा है। इस प्रकरण में वाणिज्य कर विभाग के अधिकारियों तक को पत्र लिखा जा चुका है।

By Sarash BajpaiEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 12:59 PM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 12:59 PM (IST)
वाणिज्य कर विभाग और रेलवे में पहले भी होते रहे हैं विवाद, इस बार फंसा एक पार्सल कोच
सेंट्रल स्टेशन के बाहर माल पकडऩे को लेकर पहले भी होता रहा है विवाद।

कानपुर, जेएनएन। कर अपवंचना का माल पकड़ने के लिए सेंट्रल स्टेशन पर वाणिज्य कर विभाग के छापों में हमेशा ही विवाद होता रहा है। यह विवाद पहले इतना भी बढ़ चुका है कि वाणिज्य कर विभाग अपने उच्च अधिकारियों तक को इस मामले में पत्राचार कर चुका है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ वाणिज्य कर विभाग के साथ ही रेलवे के अधिकारियों का विवाद हुआ हो, कस्टम विभाग के अधिकारियों के छापों में भी इस तरह के विवाद सामने आ चुके हैं। जहां सूचना होने के बाद कस्टम अधिकारियों के कहने पर भी बोगी नहीं खोली गई और ट्रेन रवाना कर दी गई।

तीन वर्ष पहले तो यह स्थिति आ गई थी कि वाणिज्य कर विभाग को छापा मारने से पहले जिलाधिकारी तक को सूचना देकर सुरक्षा बल लेना पड़ता था ताकि किसी भी स्तर पर होने वाले विवाद से निपटा जा सके। अब सोमवार को सेंट्रल स्टेशन पर मारे गए छापे में वाणिज्य कर विभाग के साथ वही स्थिति सामने आई। मुख्यालय से मिली सूचना के बाद भी छापे में सेंट्रल स्टेशन से वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी एक भी सामान अपने साथ नहीं ला सके। जो माल बोगी से उतरा उसे पार्सल रूम में रखकर वाणिज्य कर विभाग को देने से इंकार कर दिया गया।

वहीं जो बोगी खुली नहीं उसे रेलवे अधिकारियों ने खोलने की जगह काट कर रोकना ज्यादा मुनासिब समझा। अब वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी 23 फरवरी को इस बोगी को रेलवे अधिकारियों के साथ खोलेंगे और देखेंगे कि उसमें कर अपवंचना का क्या माल है। कस्टम के अधिकारियों ने भी इस तरह के विवादों में उच्चाधिकारियों को कई पत्र लिखे थे। वाणिज्य कर अधिकारियों के मुताबिक उनके पास सूचना है कि इन 24 नग और वैगन में रेडीमेड का माल है। 

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