टूटे जबड़े और खराब दांतों से नहीं होना होगा परेशान, अब एलएलआर अस्पताल में हाे सकेगा इलाज

एलएलआर अस्पताल में लेवल-टू ट्रामा सेंटर है जहां नगर ही नहीं आसपास के गंभीर घायल इलाज के लिए आते हैं। घायलों के जबड़े टूटे होते हैं। कइयों के दांत पूरी तरह उखड़ जाते हैं। ट्रामा सेंटर में दंत रोग विशेषज्ञ नहीं होने पर उनकी सर्जरी में दिक्कत होती थी।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 01:50 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 01:50 PM (IST)
टूटे जबड़े और खराब दांतों से नहीं होना होगा परेशान, अब एलएलआर अस्पताल में हाे सकेगा इलाज
शासन ने दंत रोग विभाग के दो सीनियर रेजीडेंट के पद किए स्वीकृत।

कानपुर, जागरण संवाददाता। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल (हैलट) के इमरजेंसी ब्लाक स्थित ट्रामा सेंटर में हादसे में टूटे जबड़े एवं उबड़-खाबड़ हुए दांतों की भी सर्जरी संभव होगी। इसके लिए शासन ने अस्पताल के लेवल-टू ट्रामा सेंटर में दंत रोग विभाग में दो सीनियर रेजीडेंट के पद स्वीकृत कर दिए हैं। अभी तक दंत रोग के विशेषज्ञ नहीं होने पर हादसे में घायलों के जबड़े एवं दांत की सर्जरी नहीं हो पाती थी। उन्हें किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) भेजना पड़ता था।

एलएलआर अस्पताल में लेवल-टू ट्रामा सेंटर है, जहां नगर ही नहीं आसपास के 10-12 जिलों से हादसे में गंभीर घायल इलाज के लिए आते हैं। बुरी तरह से घायलों के जबड़े टूटे होते हैं। कइयों के दांत पूरी तरह उखड़ जाते हैं। ट्रामा सेंटर में दंत रोग विशेषज्ञ नहीं होने पर उनकी सर्जरी में दिक्कत होती थी। इस समस्या को देखते हुए ट्रामा सेंटर के नोडल अफसर ने तत्कालीन प्राचार्य प्रो. आरबी कमल के माध्यम से शासन को प्रस्ताव भेजा था। इसमें आर्थो डेंटिस्ट एवं फेसियो मेग्जलरी सर्जन का पद सृजित करने का आग्रह किया गया था। शासन ने दंत रोग विभाग में दो सीनियर रेजीडेंट और एक जूनियर रेजीडेंट का पद स्वीकृत कर दिया है। इसकी सूचना ईमेल के जरिए प्राचार्य प्रो. संजय काला को दी गई है।

बोले जिम्मेदार: ट्रामा सेंटर में दंत रोग के दो एसआर के पद स्वीकृत हो गए हैं। अब हादसे में घायलों के टूटे जबड़े एवं दांतों की सर्जरी भी यहां संभव होगी। घायलों को केजीएमयू भेजने की जरूरत भी नहीं होगी। उनकी तैनाती के लिए जल्द ही प्रक्रिया शुरू होगी। - डा. मनीष सिंह, विभागाध्यक्ष, न्यूरो सर्जरी, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।

ट्रामा सेंटर में है तैनाती:  न्यूरो सर्जन, आर्थोपेडिक सर्जन, जनरल सर्जन, एनस्थेसिया विशेषज्ञ। अब दंत रोग विशेषज्ञ भी होंगे तैनात।

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