स्वजन के भी गले नहीं उतरी पुलिस की कहानी
बाबूपुरवा में चप्पल कारीगर के 14 वर्षीय बेटे मोज्जम की हत्या का मामला।
जागरण संवाददाता, कानपुर : बाबूपुरवा में चप्पल कारीगर के 14 वर्षीय बेटे मोज्जम की हत्या और शव जलाने के मामले में पुलिस ने राजफाश तो कर दिया है, लेकिन फिरौती की कहानी स्वजन के गले भी नहीं उतर रही है। स्वजन का कहना है कि फिरौती देने की उनकी हैसियत ही नहीं हैं। मुंशीपुरवा डाकखाना निवासी मोहम्मद जावेद चप्पल कारीगर हैं। उनके दो बेटों में छोटा 14 वर्षीय मोज्जम कक्षा नौ का छात्र था। तीन दिन पहले मोज्जम रोजा खोलने के बाद घर के पास महेलिया मैदान में बैठा था। इसी बीच इलाके में रहने वाले दो साथी तौहीद अजीज और आसिफ इरदीसी उसे स्कूटी पर बैठाकर ले गए थे। शनिवार सुबह मोज्जम का अधजला शव मेमो शेड के पास रेलवे लाइन किनारे औंधे मुंह पड़ा मिला था। जावेद की तहरीर पर पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था। आरापितों ने पहले लेनदेन, उसके बाद युवती को कमेंट करने और देर रात फिरौती के लिए हत्या की कहानी बताई। सोमवार को मृतक के स्वजन से बातचीत की गई तो पता चला कि उन्हें पुलिस ने फिरौती वाली जानकारी ही नहीं दी थी। जावेद का कहना था कि फिरौती देने की उनकी हैसियत ही नहीं है, जिसे फिरौती के लिए अगर उसे हत्या करनी होती तो वह मेरे बेटे को नहीं किसी और को अगवा करके मारता।
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मोहल्ले के लोग भी बोले गेम खेलने को लेकर थी टशन
मोज्जम के मोहल्ले वालों का कहना था कि मोज्जम ऑन लाइन गेम खेलने का शौकीन था। घर पास ही एक कैरम क्लब संचालक ने भी इसकी पुष्टि की। उसका भी कहना था कि हो न हो गेम में हुई हारजीत को लेकर ही कुछ टशन थी। इसी के चलते हत्या हुई है। पकड़े जाने के बाद भी थाने में खेल रहा था गेम
मृतक के स्वजन के मुताबिक तौहीद उर्फ रूमी के चेहरे पर पकड़े जाने के बाद भी शिकन नहीं थी। वह थाने में भी मोबाइल पर ऑनलाइन गेम खेल रहा था। इसी बीच पहुंचे एसीपी ने पुलिसकर्मियों को फटकारा भी था। इसके बाद मोबाइल जब्त किया गया था।