दूसरी निश्शुल्क डोज अब जिला अस्पताल में

आमजन को कोरोना वैक्सीन लगाने की शुरुआत एक मार्च से शुरू हुई है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 02:16 AM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 02:16 AM (IST)
दूसरी निश्शुल्क डोज अब जिला अस्पताल में
दूसरी निश्शुल्क डोज अब जिला अस्पताल में

जागरण संवाददाता, कानपुर : आमजन (60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग व 45-59 वर्ष के गंभीर बीमारी से पीड़ित) के कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत एक मार्च से हो गई है, जिसमें तेजी लाने की जरूरत है। यह निर्देश मंगलवार को लखनऊ से वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए अपर मुख्य सचिव (एसीएस) चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने दिए।

डॉ. जीके मिश्रा के मुताबिक एसीएस ने कहा कि हेल्थ वर्कर एवं फ्रंटलाइन वर्कर को अलग-अलग वैक्सीनेशन सेंटर में वैक्सीन की पहली डोज लगाई गई है। कोविन 2.0 पोर्टल आने के बाद सब बदल गया है। वैक्सीन की दूसरी निश्शुल्क डोज जिला अस्पताल में लगाई जाएगी। संख्या बढ़ने पर अर्बन पीएचसी में इंतजाम किया जाएगा।

हॉस्पिटल बेस्ड वैक्सीनेशन

एडी हेल्थ के मुताबिक शासन ने स्पष्ट किया है आमजन का वैक्सीनेशन हॉस्पिटल बेस्ड ही होगा। निश्शुल्क वैक्सीन जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल उर्सला, कांशीराम संयुक्त चिकित्सालय, सीएचसी-पीएचसी, अर्बन पीएचसी में ही लगाई जाएगी।

दोपहर तीन बजे तक पंजीकरण

वैक्सीनेशन के लिए ऑनलाइन पंजीकरण सुबह से अपराह्न तीन बजे तक होगा। वैक्सीनेशन का समय सुबह नौ से शाम पांच बजे तक निर्धारित किया गया है।

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इंटरनेट की समस्या पर नहीं रुकेगा वैक्सीनेशन

शासन ने स्पष्ट किया कि इंटरनेट की कनेक्टिविटी समस्या होने पर वैक्सीनेशन बंद नहीं किया जाएगा। वैक्सीन के लिए आने वालों के पहचानपत्र एवं कागजात लेकर उनकी फोटो खींच ली जाएगी। उसके बाद उन्हें वैक्सीन लगाई जाएगी।

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वैक्सीन की है पूरी उपलब्धता

जिले में वैक्सीन की पूरी उपलब्धता है। सरकारी अस्पताल में निश्शुल्क एवं नर्सिंग होम को 150 रुपये डोज के अनुसार वैक्सीन मुहैया कराई जाएगी।

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वैक्सीनेशन के बाद दो पैरासिटामॉल मिलेंगी

आमजन को वैक्सीन लगाने के बाद दो पैरासिटामॉल दी जाएंगी ताकि बुखार आने पर उसका सेवन कर सकें।

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निजी अस्पतालों की मॉनीटरिग करेंगे एसीएमओ

निजी अस्पतालों में होने वाले वैक्सीनेशन की मॉनीटरिग की जिम्मेदारी एसीएमओ को दी गई है। आयुष्मान भारत योजना के नोडल अफसर को जिम्मेदारी सौंपी गई है। ताकि गलत तरीके से वैक्सीनेशन न होने पाए।

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