क्रियाघर केवल दिखावा बने, जनता हो रही परेशान
जेएनएन कानपुर कोरोना की कहर का असर शहर के हर मोहल्ले में है। इससे कई मौते हो रही है। मोहल्लों में बने क्रियाघर के नाम पर केवल पीपल का पेड़ है।
जेएनएन, कानपुर : कोरोना की कहर का असर शहर के हर मोहल्ले में है। अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है। सगे संबंधियों की आत्मा की शांति के लिए लोग कर्मकांड करते है, लेकिन कई वार्डो में क्रियाघर के नाम पर केवल पीपल का पेड़ है। नहाने और कपड़े बदलने की कोई व्यवस्था नहीं है। आसपास गंदगी होने के कारण लोगों का खड़ा होना दूभर हो जाता है।
हनुमान पार्क कौशलपुरी, नसीमाबाद पार्क कौशलपुरी, बृजेंद्र स्वरूप पार्क बेनाझाबर, शास्त्रीनगर में पार्क, मसवानपुर में भी एक पार्क में लगे पीपल के पेड़ के पास लोग कर्मकांड करते है। पेड़ पर ही पोटली टांग जाते है। क्षेत्रीय पार्षद शशि साहू, नवीन पंडित, अरविद यादव, मनोज पांडेय, रीता पासवान समेत कई पार्षदों ने क्षेत्र में क्रियाघर बनाने के लिए कई बार कहा। क्रियाघर न होने के कारण महिलाएं और पुरुष खुले में स्नान करने को मजबूर हैं। फजलगंज, किदवईनगर, पीरोड, लाजपत नगर में क्रियाघर बने हैं, यहां सबमर्सिबल पंप बंद एवं स्नानघर टूटे हैं। मुख्य अभियंता एसके सिंह ने बताया कि पार्षदों के प्रस्ताव के तहत खाली जगह पर क्रियाघर बनवाए जाएंगे। किदवईनगर में स्थित क्रियाघर में अंदर न तो नहाने की व्यवस्था और नहीं लाइट लगी है। क्रियाकर्म करने वाला खुद ही सफाई कराते है। चार साल से पानी की टंकी दिखावा बनी हुई है। सबमर्सिबल पंप खराब पड़ा हुआ है। बाहर लगे हैंडपंप में लोग खुले में नहाने को मजबूर होते है। महिलाओं के लिए और दिक्कत होती है। क्षेत्रीय लोगों ने क्रियाघर ठीक कराने के लिए कई बार अफसरों को पत्र लिखा लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। निगेटिव आई कोरोना रिपोर्ट, ओमान से आज चलेगी महिला, कानपुर : उन्नाव निवासी राजमिस्त्री की पत्नी की ही तरह नौकरी के झांसे में आकर डेढ़ वर्ष पूर्व ओमान गईं पंजाब के जालंधर निवासी महिला को भारतीय दूतावास ने दो दिन पहले एजेंसी से मुक्त कराया था। इसके बाद उन्हें वापस भारत भेजने की तैयारी शुरू की। मंगलवार को महिला की कोरोना जांच कराई गई थी। बुधवार शाम आई जांच रिपोर्ट में महिला कोविड निगेटिव आई हैं। रिपोर्ट आने के बाद भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने महिला को भारत भेजने की तैयारी शुरू कर दी। महिला ने दैनिक जागरण को वायस मैसेज भेजकर बताया कि गुरुवार शाम उन्हें ओमान से शारजाह और वहां से दिल्ली के लिए रवाना किया जाएगा। सात मई की सुबह वह दिल्ली पहुंचेंगी। उन्होंने पंजाब के संगरूर जिले की दूसरी महिला को भी मुक्त कराने की मांग की है, ताकि वह भी भारत लौटकर अपने परिवार से मिल सकें।