झगड़े के आरोपित को पुलिस ने छोड़ा, क्षुब्ध हो युवती ने जान दी

महोबा पुलिस एक बार फिर आरोपों में घिर गई। इस बार पुलिस पर आरोप लगा कि उसने झगड़े के आरोपित को थाने से छोड़ दिया यही नहीं उसपर लगाई गई लूट की धारा भी हटा दी। पुलिस की इस हरकत से नाराज युवती ने फांसी लगाकर जान दे दी

By Sarash BajpaiEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 06:12 PM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 06:12 PM (IST)
झगड़े के आरोपित को पुलिस ने छोड़ा, क्षुब्ध हो युवती ने जान दी
आरोपित को छोडऩे से क्षुब्ध युवती ने फांसी लगाकर जान दी।

कानपुर, जेएनएन। महोबा जनपद के कबरई में तीन दिन पूर्व हुए झगड़े व मारपीट के आरोपित को पुलिस द्वारा छोड़ने व आरोपितों पर लगी लूट की धारा हटाए जाने से क्षुब्ध होकर युवती ने फांसी लगाकर जान दे दी। युवती के पास से दो पेज का सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उसने अपनी आत्महत्या के लिए आरोपित पड़ोसी ज्वाला ङ्क्षसह व उसके भाई तथा बहनों को जिम्मेदार बताया है।

कबरई थाना क्षेत्र के अलीपुरा गांव निवासी शिवकुमार शुक्ला के चार बेटियां व एक बेटा है। बेटा सबसे छोटा है। दूसरे नंबर की 21 वर्षीय बेटी प्रीती शुक्ल उर्फ रिंकी ने सोमवार देर रात घर के ही बगल में स्थित गैलरी में छत के पंखे में अपना दुपट्टा बांधकर वहीं खड़ी बाइक पर चढ़कर गले मे फांसी का फंदा लगाकर लटक गई। सुबह पांच बजे मां व अन्य परिवारी जनों के जगने के बाद उसकी तलाश हुई तो उसका शव घर की गैलरी में लटका मिला। मौके से पुलिस को सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। जिसमें प्रीति ने अपनी मौत के लिए तीन दिन पूर्व महोबा में हुए झगड़े में आरोपितों को दोषी ठहराया है।

शिवकुमार शुक्ला ने बताया कि महोबा के समदनगर में एक प्लाट लिया था। जिसमें वर्तमान में निर्माण कार्य चल रहा था। तथा परिवार वहीं रहता भी था। शनिवार को गांव में पारिवारिक सदस्य की तेरहवीं कार्यक्रम में घर के सभी लोग महोबा से अलीपुरा आ गए थे। जबकि प्रीति महोबा घर में ही थी। पड़ोसी ज्वाला सिंह दो अन्य लोगों के साथ घर के बाहर एक छोटे लड़के को पीट रहा था। जिसका विरोध करने पर ज्वाला सिंह ने अपने भाई व चार बहनों के साथ घर में घुस कर प्रीति को बेरहमी से पीटा था। घर में रखे पांच लाख रुपये भी लूट लिए थे। उसी दिन कोतवाली में तहरीर दिए जाने पर सभी छह आरोपितों के खिलाफ लूट सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा भी लिखा गया था।

पिता शिवकुमार के अनुसार कोतवाली पुलिस ने सोमवार को जांच के दौरान लूट की धारा हटा दी। ज्वाला सिहं व एक बहन को नाबालिग बताकर छोड़ दिया था, जबकि प्रीति के अनुसार मारने पीटने के दौरान वही सबसे आगे थी। इससे वह बहुत क्षुब्ध थी । प्रीति को पिता ने सोमवार की शाम अलीपुरा भेज दिया था, जहां रात में उसने फांसी पर लटक कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।

कबरई थानाध्यक्ष दीपक पांडेय ने बताया कि सुसाइड नोट मिला है जांच की जा रही है। महोबा कोतवाली प्रभारी अनूप दुबे ने बताया कि प्रीति शुक्ल के साथ मारपीट व लूट के प्रकरण में लूट की धारा नहीं हटाई गई है, बल्कि आरोपितों के घर की तीन बार तलाशी भी ली गई है, लूटी गई रकम की बरामदगी के प्रयास चल रहे हैं, सभी छह आरोपितों में से पांच जेल में हैं, जबकि एक आरोपित लड़की के नाबालिग होने के कारण उसे नोटिस देकर छोड़ा गया है।  

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