इंटरकॉम पर आया था फोन, इसलिए उतारा लाल बैग

रेलवे के इंटरकॉम पर फोन आने से इस बात का विश्वास था कि रेलवे के बड़े अधिकारी का ही बैग होगा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 01:54 AM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 01:54 AM (IST)
इंटरकॉम पर आया था फोन, इसलिए उतारा लाल बैग
इंटरकॉम पर आया था फोन, इसलिए उतारा लाल बैग

जागरण संवाददाता, कानपुर : रेलवे के इंटरकॉम पर फोन आने से इस बात का विश्वास था कि रेलवे के बड़े अधिकारी का ही बैग होगा। इसी विश्वास के चलते बैग उतारा गया। बैग लेने आए युवक ने आइडी नहीं दी तो शक हुआ। सेंट्रल स्टेशन पर 1.40 करोड़ रुपये से भरा बैग मिलने के मामले से जुड़े डिप्टी एसएस कामर्शियल कार्यालय के कर्मचारियों ने जीआरपी को दिए बयान में यह बात कही। सभी सात कर्मचारियों ने एक ही बात कही कि रेलवे इंटरकॉम पर आए फोन के बाद ही बैग उतरवाया गया।

बीती 15 फरवरी की रात दो बजे डिप्टी एसएस कामर्शियल के रेलवे इंटरकॉम पर एक फोन आया था। फोन करने वाले ने खुद को रेलवे अधिकारी बताते हुए निर्देश दिए कि दिल्ली से आ रही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एक्सप्रेस के पेंट्रीकार में लाल रंग का बैग रखा है, उसे उतरवा लो। इसके बाद डिप्टी एसएस कामर्शियल ने कर्मचारी विजय शंकर को भेजा था। विजय बैग डिप्टी एसएस कामर्शियल कार्यालय ले आया। इस दौरान दोबारा फिर फोन आया, जिसमें एक आदमी के बैग लेने आने की जानकारी मिली। अधिकारियों ने आइडी देने पर ही बैग देने के निर्देश दिए थे, इसलिए बैग नहीं दिया गया। इसके बाद फिर आरपीएफ कंट्रोल रूम को फोन किया गया। जीआरपी प्रभारी इंस्पेक्टर राममोहन राय ने बताया, बैग उतारने से लेकर उसको रनिग रूम तक ले जाने वाले चपरासी सहित सात कर्मचारियों के बयान दर्ज किए गए हैं। सभी ने एक ही तरह की बात बताई है। बयानों के आधार पर आगे की जांच की जा रही है।

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आयकर अधिकारियों ने नहीं लिया बैग

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एक्सप्रेस में मिले रुपये अभी भी जीआरपी के मालखाने में रखे हैं। आयकर अफसरों ने तीन दिन पहले अपने अधिकारियों से निर्देश लेकर रुपये कस्टडी में लेने की बात कही थी, लेकिन अभी तक नहीं लिए। जीआरपी ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर रुपये कोषागार में जमा कराने की अपील की है।

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