साहब को खुश करने के लिए अपनों के साथ ही कर दिया खेल Kanpur News

ग्रीनपार्क में होने वाली विभिन्न खेल गतिविधियों को उजागर करती है ये खबर।

By AbhishekEdited By: Publish:Wed, 22 Jan 2020 12:27 AM (IST) Updated:Wed, 22 Jan 2020 12:27 AM (IST)
साहब को खुश करने के लिए अपनों के साथ ही कर दिया खेल Kanpur News
साहब को खुश करने के लिए अपनों के साथ ही कर दिया खेल Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। शहर में अलग अलग खेलों के लिए संघ हैं। इनमें भी अंदरखाने खींचतान चलती रहती है, जो जनता के सामने नहीं आ पाती। रीयल जर्नलिज्म में अपने कॉलम पवेलियन से के जरिए अंकुश शुक्ल ऐसे ही मामलों में होने वाले खेल को सामने ला रहे हैं।

पार्टी में कराटे

अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम ग्रीनपार्क में हुई कराटे प्रतियोगिता से एक दिन पहले आयोजक ने कराटे एसोसिएशन ऑफ इंडिया के वरिष्ठ पदाधिकारी को खुश करने के लिए पार्टी बुलाई। पार्टी का नाम सुनकर शहर के जुड़े हुए सभी कराटे एसोसिएशन के पदाधिकारियों के चेहरे खिले ही थे कि आयोजक ने उनके साथ खेल कर दिया। जो, कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे थे, उन्हें ही पार्टी में नहीं बुलाया। अतिथि तो खुश हो गए लेकिन उनकी टीम कब बिखर गई, पता ही नहीं चला। किसी तरह सबको मनाकर प्रतियोगिता कराई। अगले दिन अतिथि महोदय एसोसिएशन में अपने समकक्ष से भिड़ गए। इससे आयोजक, दो पाटों में फंस गए। प्रतियोगिता खत्म होने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर पार्टी के फोटो डाल दिए। साथी अपने जख्म कुरेदे जाने से नाराज हैं। अब हर कोई उन्हें लानत-मलानत भेज रहा है। ग्रीनपार्क में इस घटना को पार्टी के बाद का हाजमोला बताया जा रहा है।

बॉक्सिंग में 'बॉक्सिंग' 

अंतर विश्वविद्यालय बॉक्सिंग टीम के चयन से पहले 'चयनकर्ताओं' में ही बॉक्सिंग हो गई कि 'किसकी' टीम चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ जाएगी। एसोसिएशन के सर्वेसर्वा अपने अनुसार टीम चुनना चाहते थे लेकिन खेल की राजनीति में दखल रखने वाले एक बड़े बाबू की कलम केवल अपने नाम लिखना चाहती थी। इसीलिए वह ट्रायल के दिन लापता हो गए। एसोसिएशन ने लिखा-पढ़ी की मंशा बनाई तो बड़े बाबू ने आननफानन ट्रायल कर टीम बनाई और मेरठ भेज दी। एसोसिएशन के बड़े साहब, विश्वविद्यालय के बड़े बाबू के सामने हाथ मलते रह गए। इस प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के हाथ एक भी पदक नहीं लगा। बड़े बाबू के बाउंसर पर बड़े साहब ने डक तो कर लिया लेकिन दो दिन बाद मनमानी का आरोप लगाते हुए खिलाडिय़ों ने वीडियो बनाकर शेयर किए। सुनने में आ रहा है कि कार्रवाई की मंशा से ये वीडियो कुलपति के पास भी भिजवा दिए गए हैं।

निशाना बिना रायफल

ग्रीनपार्क अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम है, इसलिए काम कोई भी हो, चार चांद तो लगना ही चाहिए। खेल का विभाग है, इसलिए चार चांद लगाने के लिए खेल हो जाए तो आश्चर्य नहीं। इस अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम में एक अत्याधुनिक शूटिंग रेंज भी बनकर तैयार है। इस शूटिंग रेंज का उपयोग किया जा रहा है, यह भी दिखाना विभाग की मजबूरी है। ऐसे में बिना रायफल ही मंत्री से उद्घाटन कराने वाला विभाग अब बिना रायफल ही निशाना लगवा रहा है। कोच अपनी बंदूक लाकर खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देती हैं। मामले ने तूल पकड़ लिया तो बड़े साहब ने आननफानन खेल निदेशालय को बताया। निदेशालय फाइल पर चुप्पी साध गया। जवाब नहीं मिला तो हकीकत जानने की कोशिश की। अंदरखाने पता चला, विभाग शूटिंग रेंज देता है, रायफल नहीं। अब साहब ने खिलाडिय़ों को 'अजेय' बनाने के लिए बंदर भगाने वाली बंदूकें सही कराकर रख दी हैं, भले ही यह भी दिखावा हो।

साहब की बैटिंग

रणजी ट्रॉफी में भिड़ीं तो उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु की टीमें, लेकिन चर्चा में साहब की बैटिंग रही। बारिश से भीग चुके मैदान में भले ही एक गेंद न फेंकी गई हो लेकिन प्रदेश क्रिकेट बोर्ड के कानपुर वाले साहब ने खूब चौके छक्के उड़ाए। सारा साज-ओ-सामान होने के बाद भी अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट मैदान के 'पानी-पानी' होने पर उन्होंने एसोसिएशन के अधिकारियों को खूब सुनाया। आननफानन, निर्देश भी जारी कर दिया कि आगे से ऐसी गलती न हो, जिससे स्टेडियम का नाम खराब हो। आमतौर पर शांत रहने वाले साहब का यह मिजाज देखकर अधिकारी हक्का-बक्का रह गए। हालांकि मीडिया और मैदान को साधने का दावा करने वाले अधिकारी अपने को उनकी टीम का जुझारू खिलाड़ी बताते रहे लेकिन साहब को यह नहीं बता पाए कि आखिर ग्रीनपार्क के अंदर की बात बाहर कैसे आई। सच सामने आने पर अब सभी घर के भेदी की तलाश में जुटे हैं। 

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