कानपुर के बारासिरोही में चरागाह की भूमि से बेदखल किए जाएंगे कब्जेदार, आठ बीघा से अधिक जमीन पर हैं कब्जे

चरागाह की भूमि सुरक्षित श्रेणी की होती है। अगर प्रशासन भी इस भूमि को किसी उपयोग के लिए देता है तो इसके बदले में कहीं और भूमि सुरक्षित करता है। बिना भूमि सुरक्षित किए चरागाह की भूमि का भू उपयोग परिवर्तन भी नहीं किया जा सकता है।

By Shaswat GuptaEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 12:48 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 12:48 PM (IST)
कानपुर के बारासिरोही में चरागाह की भूमि से बेदखल किए जाएंगे कब्जेदार, आठ बीघा से अधिक जमीन पर हैं कब्जे
कानपुर कब्जेदारों की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फोटो।

कानपुर, जेएनएन। बारासिरोही में ग्राम समाज की सुरक्षित श्रेणी की भूमि (चरागाह) पर अवैध रूप से काबिज लोगों को अब वहां से हटना होगा। राजस्व अभिलेखों से भी उनका नाम हटेगा और यह भूमि पुन: चरागाह के नाम दर्ज कर केडीए के हवाले की जाएगी, क्योंकि यह गांव अब केडीए के क्षेत्र में है। एसडीएम सदर न्यायालय ने भूमि को चरागाह के रूप में दर्ज करने और तहसीलदार को भूमि से कब्जा हटवाने के लिए कहा है।

बारासिरोही में चरागाह की आठ बीघा भूमि है। चरागाह की भूमि सुरक्षित श्रेणी की होती है। अगर प्रशासन भी इस भूमि को किसी उपयोग के लिए देता है तो इसके बदले में कहीं और भूमि सुरक्षित करता है। बिना भूमि सुरक्षित किए चरागाह की भूमि का भू उपयोग परिवर्तन भी नहीं किया जा सकता है, लेकिन कुछ लोगों ने इस भूमि को अपने नाम कराया और उसे बेचना शुरू कर दिया। शिकायत हुई तो एसडीएम सदर दीपक पाल ने तहसीलदार से जांच कराई। जांच में पाया गया कि भूमि पर किदवई नगर के देवी सहाय कनौजिया, मकसूदाबाद के संतोष कुमार, केशव नगर के संजय गर्ग, किदवई नगर के योगेश चंद्र के नाम राजस्व अभिलेखों में हैं। इस भूमि की रजिस्ट्री भी होती रही। अब एसडीएम ने भूमि को पुन: चरागाह के रूप में दर्ज करने का आदेश दिया है।

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