Antaragni 2019 : आइआइटी में पहले दिन छाया हिप हॉप, जैज व बैले डांस का जादू Kanpur News

आठ हजार से अधिक छात्र-छात्राएं आए हैं गीत संगीत नुक्कड़ नाटक व स्टेज प्ले के अभ्यास करते रहे सभी।

By AbhishekEdited By: Publish:Fri, 18 Oct 2019 02:28 PM (IST) Updated:Fri, 18 Oct 2019 03:31 PM (IST)
Antaragni 2019 : आइआइटी में पहले दिन छाया हिप हॉप, जैज व बैले डांस का जादू Kanpur News
Antaragni 2019 : आइआइटी में पहले दिन छाया हिप हॉप, जैज व बैले डांस का जादू Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। आइआइटी के सांस्कृतिक महोत्सव अंतराग्नि-2019 का पहला दिन गीत संगीत, नुक्कड़ नाटक व स्टेज प्ले के अभ्यास के नाम रहा। परिसर में जिसे जहां जगह मिली वह अपने साथियों के साथ प्रैक्टिस करने में मशरूफ हो गया। वह दिनभर अपने आवाज व अंदाज का जलवा बिखेरते रहे। इस दौरान हिप हॉप, जैज व बैले डांस का जादू छाया रहा। प्रतियोगिताओं के विजेता बनने की हसरत लिए आइआइटी, एनआइटी, ट्रिपल आइटी, दिल्ली विश्वविद्यालय समेत देशभर के अन्य कॉलेजों से आठ हजार से अधिक छात्र छात्राएं इस महोत्सव में शिरकत करने के लिए आए हैं।

पहले दिन अभ्यास के दौरान दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु व हैदराबाद समेत अन्य शहरों के कॉलेजों से आए छात्र छात्राओं ने सुर, लय व ताल का ऐसा संगम पेश किया कि दूसरे कॉलेजों से आए छात्र छात्राएं उसके दीवाने हो गए। इसके अलावा कैंपस में जगह जगह कई कॉलेजों के छात्र छात्राएं कांगो, ड्रम, सिंथेसाइजर व बांसुरी लेकर नुक्कड़ नाटक व स्ट्रीट अभ्यास करते नजर आए।

कार्यक्रम का एसोसिएट टाइटल स्पांसर दैनिक जागरण है। आइआइटी में हुए इस सांस्कृतिक समारोह में आइआइटी कानपुर के अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस, हंसराज कॉलेज, गार्गी कॉलेज व रामजस कॉलेज समेत अन्य कॉलेज के छात्र छात्राओं ने अंतराग्नि के इस मंच पर अपनी प्रतिभा बिखेरने के लिए तैयार हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के मैत्री कॉलेज की छात्राओं का गु्रप ओपन एयर थिएटर में अभ्यास करता नजर आया। ग्रुप की प्रेसीडेंट महक ने बताया कि उनकी टीम में 19 छात्राएं हैं जो वेस्टर्न डांस कंपटीशन में अपनी प्रस्तुति देंगी।

नाटक के जरिए मानव तस्करी व भ्रष्टाचार पर करेंगे प्रहार

दिल्ली विश्वविद्यालय के महाराजा अग्रसेन कॉलेज से आई छात्र छात्राओं की टीम नुक्कड़ नाटक में अपनी प्रतिभा बिखेरने के लिए तैयार हैं। टीम के अध्यक्ष प्रशांत सिंह तोमर ने बताया कि मुकाबला कड़ा है इसलिए उनकी टीम यहां आकर अभ्यास कर रही है जिससे कोई कसर न छूटे। इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के महाराजा अग्रसेन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कॉलेज से आए छात्र छात्राएं मानव तस्करी पर नुक्कड़ नाटक पेश करेंगे जबकि स्टेज प्ले के लिए उनकी थीम सस्पेंस ड्रामा है। स्टेज प्ले के अध्यक्ष धु्रव व नुक्कड़ नाटक के अध्यक्ष रित्विक हैं। इसके अलावा दौलतराम कॉलेज व इंदिरा गांधी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी फॉर वूमन की छात्राएं भी नुक्कड़ नाटक की तैयारी करती रहीं।

आवाज का जादू भी छाया

गायन प्रतियोगिता में प्रस्तुति देने के लिए देशभर के कॉलेजों से आए छात्र छात्राएं सुगम, पाश्चात्य वशास्त्रीय संगीत का अभ्यास करते दिखाई दिए। सामूहिक गायन की प्रस्तुति देने के लिए इन युवाओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। अपनी सुरीली आवाज के माध्यम से उन्होंने राग दरबारी, राग काफी, ख्याल व तराना समेत संगीत की अन्य विधाओं में प्रस्तुति देकर चार चांद लगाने की तैयारी में हैं। 

बाहर निकलकर आया थ्रीडी पेंटिंग से बना जोकर

आइआइटी के सांस्कृतिक महोत्सव अंतराग्नि में करतब दिखाते जोकर की थ्रीडी पेंटिंग के जादू ने छात्र छात्राओं को अपनी ओर आकर्षित किया। दिल्ली से आए कलाकार कमल शर्मा व अशोक सागर ने तीन दिन में जोकर की पेंटिंग बनाकर तैयार की है। पेंटिंग को देखकर ऐसा लग रहा था मानो जोकर निकलकर बाहर आ रहा है। मुंबई, पुणे व इंदौर समेत अन्य शहरों के मॉल व फेस्टिवल में सैकड़ों थ्रीडी पेंटिंग बना चुके इन कलाकारों ने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का अनूठा पोट्रेट बनाया है।

कमल ने बताया कि उनकी पेंटिंग के सफर का अब तक का सबसे नायाब दस हजार 125 कॉफी कप से बना मास्टर ब्लास्ट सचिन तेंदुलकर का पोट्रेट है। यह पोट्रेट उन्होंने गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में भेजे जाने के लिए केरल के कलाकार लिमिनेश ऑगस्टिन के साथ मिलकर तैयार किया। हालांकि इसे उसमें स्थान नहीं मिल सका। उन्होंने बताया कि थ्रीडी पेंटिंग आपको वास्तविकता का एहसास कराती है। ऐसी पेंटिंग से आपको घर में बैठे बैठे एम्यूजमेंट पार्क, वाटर पार्क व कार्टून की वास्तविक दुनिया का दीदार होता है।

आमतौर पर दीवार पर यह पेंटिंग बनाई जाती हैं जिसे देखने पर ऐसा लगता है कि बनाए गए हाथी, घोड़ा, राक्षस व परियां यह सभी निकलकर दीवार से बाहर आ रहे है। दीवार के सामने जाने पर ऐसा लगता है जैसे वहां पर सीढिय़ां हैं हम उस पर चढ़ सकते हैं। चिडिय़ों की थ्रीडी पेंटिंग को देखकर ऐसा लगता है वह उड़ रहे हैं। मॉल व इंटरटेनमेंट पार्क में इस प्रकार की पेंटिंग का क्रेज लगातार बढ़ता जा रहा है।

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