पुराने शुक्लागंज पुल की भार क्षमता का होगा आकलन

सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट की टीम ने मंडलायुक्त के साथ देखा पुल।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 01:32 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 01:32 AM (IST)
पुराने शुक्लागंज पुल की भार क्षमता का होगा आकलन
पुराने शुक्लागंज पुल की भार क्षमता का होगा आकलन

जागरण संवाददाता, कानपुर : सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट की टीम ने मंडलायुक्त के साथ शुक्लागंज गंगा घाट स्थित पुराने पुल का निरीक्षण किया। पुल कितना उपयोगी है, इसका आकलन किया। अब टीम जल्द ही फिर आएगी और पुल के पिलर की भार क्षमता और भविष्य में वह कितने साल तक उपयोगी रह सकता है इसकी जांच करेगी। अगर पिलर भार सहने योग्य होंगे तो ऊपरी हिस्से को तोड़ उस पर टू लेन पुल बनाया जाएगा। अगर कोई पिलर उपयोगी नहीं होगा तो उसके बदले में नया पिलर बनाया जाएगा। तय किया गया कि अगर सभी पिलर काम के नहीं हैं तो नया फोर लेन पुल बनाने के लिए उप्र सेतु निर्माण निगम की ओर से डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाई जाएगी।

कानपुर को शुक्लागंज से जोड़ने वाले इस पुल का निर्माण 1857 में हुआ था। पुल में 24 पिलर हैं। इस पुल की लंबाई 970 मीटर और चौड़ाई साढ़े पांच मीटर है। इसके पिलर संख्या दो, 10, 17, 22 और 23 में दरार पड़ गई है, जिसकी वजह से पुल को बंद कर दिया गया है। लोक निर्माण विभाग ने इस पुल की जांच के लिए सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट प्रबंधन को पत्र भेजा था। इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक डा. राजीव गोयल और डा. राजीव कुमार गर्ग शुक्रवार को शहर आए और उन्होंने मंडलायुक्त डा. राजशेखर और सेतु निगम के महाप्रबंधक राकेश सिंह के साथ मुआयना किया। मंडलायुक्त ने कहा कि अगर 50 से 60 वर्ष तक पुल के पिलर भार सह सकते हों तो इस पर टू लेन पुल बनाया जाएगा। इसकी विस्तृत रिपोर्ट उन्हें एक एक हफ्ते में दें। मंडलायुक्त ने बताया कि अगर पुराने पिलर पर ही टू लेन पुल बन सकता है तो नया पुल नहीं बनाया जाएगा। इसके ऊपरी हिस्से को तोड़कर दोबारा निर्माण किया जाएगा।

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