संसद में गूंजा अनवरगंज-मंधना रेल लाइन हटाने का मुद्दा
-सांसद सत्यदेव पचौरी ने कहा- मंधना से पनकी तक बनाएं नया रेलवे ट्रैक
जागरण संवाददाता, कानपुर : शहर को दो हिस्सों में बांटने वाली अनवरगंज- मंधना रेलवे लाइन को हटाने के लिए सांसद सत्यदेव पचौरी ने शुक्रवार को लोकसभा में फिर से मुद्दा उठाया। उन्होंने फर्रुखाबाद से अनवरगंज आ रही रेल लाइन को मंधना से मोड़कर पनकी के पास कानपुर-दिल्ली रेलवे लाइन से जोड़ने की मांग की। कहा कि 16 किमी लंबा ट्रैक है और इस पर 18 क्रासिग हैं। जीटी रोड के समानांतर और बीच शहर में होने की वजह से रोजाना जाम लगता है।
अनवरगंज से फर्रुखाबाद रेलवे लाइन जीटी रोड के समानांतर है। इस पर मंधना तक 18 क्रासिग हैं। इन क्रासिग पर हर रोज जाम लगता है। कई बार तो एंबुलेंस भी फंस जाती हैं, जिससे मरीजों की मौत हो जाती है। अग्निशमन वाहन भी फंसते हैं। दैनिक जागरण लगातार इस समस्या को लेकर अभियान चला रहा है। पिछले वर्ष दैनिक जागरण की पहल पर ही रेलवे की ओर से एनएच पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई थी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि आइआइटी से रावतपुर तक किसी भी क्रासिग पर ओवरब्रिज नहीं बन सकता है। ऐसे में इस ट्रैक को मंधना से अनवरगंज के बीच हटाकर मंधना से पनकी तक नया ट्रैक बिछाना ही एक मात्र विकल्प है। पिछले साल हुए सर्वे पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। ऐसे में सांसद सत्यदेव पचौरी ने संसद में मुद्दा उठाया है। पहले भी पचौरी व सांसद देवेंद्र सिंह भोले इस मुद्दे को उठा चुके हैं। सत्यदेव पचौरी ने शुक्रवार को संसद में कहा कि इस ट्रैक पर 50 जोड़ी ट्रेनें व मालगाड़ियां चलती हैं। हर 10 मिनट के अंतराल पर क्रासिग के फाटक बंद होते हैं। इससे जाम लगता है। उत्तर मध्य रेलवे की ओर से उच्च स्तरीय तकनीकी दल से कराए गए सर्वे में भी मंधना से पनकी तक नया ट्रैक बिछाने की संस्तुति भी हो चुकी है।
----------
- 03 बार लोकसभा में उठाया चुका है मुद्दा
- 16 किलोमीटर लंबे रूट पर 18 रेलवे क्रासिग
- 03 बार हो चुका है समस्या के समाधान के लिए सर्वे
-50 जोड़ी ट्रेनें इस रूट पर हर दिन गुजरती हैं