Scam in Kanpur : तीन उप निदेशक, एक अल्पसंख्यक अधिकारी और तीन पीसीएस अफसरों की संलिप्तता आई सामने

5.80 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। दैनिक जागरण ने इस घोटाले को उजागर किया था। इसके बाद डीएम आलोक तिवारी ने जांच कराई तो इन योजनाओं में खेल खुला। जांच के लिए डीएम ने एडीएम आपूर्ति डा. बसंत अग्रवाल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी

By Akash DwivediEdited By: Publish:Thu, 08 Jul 2021 07:33 AM (IST) Updated:Thu, 08 Jul 2021 07:33 AM (IST)
Scam in Kanpur : तीन उप निदेशक, एक अल्पसंख्यक अधिकारी और तीन पीसीएस अफसरों की संलिप्तता आई सामने
टाले में समाज कल्याण अधिकारी अमरजीत सिंह को पहले ही निलंबित किया जा चुका

कानपुर, जेएनएन। शादी अनुदान घोटाले में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के एक अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, एक उप निदेशक, एक लिपिक, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के दो उप निदेशक, एक लेखाकार व शादी अनुदान के साथ ही पारिवारिक लाभ घोटाले में शामिल दो नायब तहसीलदार, एसीएम दो पर विभागीय कार्रवाई होगी। डीएम ने इसकी संस्तुति की है। साथ ही आठ कानूनगो के विरुद्ध अनुशासनात्मक और 19 लेखपालों के निलंबन की कार्रवाई का आदेश एसडीएम सदर को दिए हैं। कुल मिलाकर 36 अफसर-कर्मी कार्रवाई की जद में आए हैैं। इस घोटाले में समाज कल्याण अधिकारी अमरजीत सिंह को पहले ही निलंबित किया जा चुका है।

शादी अनुदान और पारिवारिक लाभ योजना में 5.80 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। दैनिक जागरण ने इस घोटाले को उजागर किया था। इसके बाद डीएम आलोक तिवारी ने जांच कराई तो इन योजनाओं में खेल खुला। जांच के लिए डीएम ने एडीएम आपूर्ति डा. बसंत अग्रवाल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी। इस कमेटी की संस्तुति पर 51 अफसरों को घर-घर सत्यापन की जिम्मेदारी दी गई थी। जांच रिपोर्ट आई तो पता चला कि 18 सौ से अधिक ऐसे लोगों को भी पात्र बनाया गया जिनका पता ही फर्जी था, जिनकी बेटियां नहीं थीं वे भी पात्र बन गए।

फैक्ट्री, दुकान के पते पर भी लोगों का मकान दिखाकर उन्हेंं अनुदान दिलाया गया था। यह घोटाला सामने आने के बाद डीएम की संस्तुति पर समाज कल्याण अधिकारी अमरजीत सिंह को निलंबित किया गया था। अब इन अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई होनी है। 2019-20 और 2020-21 में बांटे गए शादी अनुदान और पारिवारिक लाभ योजना की जांच हुई थी। पारिवारिक लाभ योजना का लाभ समाज कल्याण विभाग देता है। शादी अनुदान का लाभ समाज कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग देता है। इन पर आरोप है कि तहसील से जो भी फार्म आए उसमें से कुछ नमूना के तौर पर जांच कराने के बजाय सभी को अनुदान बांट दिए।

इन अधिकारियों पर होगी विभागीय कार्रवाई : तत्कालीन पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी अजीत प्रताप ङ्क्षसह (उप निदेशक मुख्यालय), उप निदेशक कानपुर मंडल लालमणि मौर्य (वर्तमान में जिला पिछड़ा वर्ग अधिकारी का प्रभार), लेखाकार संजय पांडेय, कानपुर में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की उप निदेशक प्रियंका अवस्थी (तत्कालीन अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी), अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी वर्षा अग्रवाल, लिपिक नीरज मेहरोत्रा पर विभागीय कार्रवाई की संस्तुति इन विभागों के अपर मुख्य सचिव से की गई है। इसी तरह तत्कालीन तहसीलदार एवं वर्तमान में एसीएम दो अमित गुप्ता, नायब तहसीलदार विराग करवरिया और अरसला नाज के विरुद्ध भी विभागीय कार्रवाई होगी। इनके विरुद्ध डीएम ने अध्यक्ष राजस्व परिषद को संस्तुति पत्र भेजा है।

इन कानूनगो पर अनुशासनात्मक कार्रवाई : डीएम ने कानूनगो रश्मि ङ्क्षसह, राजकिशोर खरे, यशवंत ङ्क्षसह, धीरज त्रिपाठी, राकेश कुमार गौतम, अजय प्रकाश यादव, आस्था पांडेय, सत्यप्रकाश वर्मा के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया है। इन्होंने लेखपालों की रिपोर्ट को बिना पड़ताल के ही नायब तहसीलदार को प्रेषित किया।

इन लेखपालों का होगा निलंबन : डीएम आलोक तिवारी ने लेखपाल हर नारायन दुबे, अश्विनी कुमार, आलोक दुबे, स्नेहहंस शुक्ल, नीतू त्रिपाठी, हरिशंकर विश्वकर्मा, पियूष सिंह, आशीष यादव, प्रीती दीक्षित, सुशील कुमार, अजय कुशवाहा, सुजीत कुशवाहा, गुलाब सिंह, देवेंद्र वाजपेयी, प्रमोद कुमार श्रीवास्तव, दिलीप सचान, धर्मपाल, अरविंद तिवारी, रामखेलावन भारती के निलंबन का आदेश दिया है। इन्होंने बिना किसी जांच पड़ताल के फार्मों को सत्यापित किया और अपात्रों को पात्र बनाया।

इनका ये है कहना दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए आदेश किया है। अन्य दोषी सामने आएंगे तो उन पर भी कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी। लेखपालों के निलंबन का आदेश दिया है। -आलोक तिवारी, डीएम

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