फर्जी नौकरी दिलाने वाले गैंग के सरगना ने किया सरेंडर

रेलवे में युवकों को फर्जी नौकरी देकर उनकी ट्रेनिग कराने वाले गैंग के सरगना ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 02:17 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 02:17 AM (IST)
फर्जी नौकरी दिलाने वाले गैंग के सरगना ने किया सरेंडर
फर्जी नौकरी दिलाने वाले गैंग के सरगना ने किया सरेंडर

जासं, कानपुर : रेलवे में युवकों को फर्जी नौकरी देकर उनकी ट्रेनिग कराने वाले गैंग के सरगना ने गुरुवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया। जीआरपी उसका रिमांड लेने की तैयारी कर रही है।

सेंट्रल स्टेशन पर नौ जून की देर रात टिकट निरीक्षक सुनील पासवान ने एक युवक को पकड़ा था। उससे पूछताछ के बाद सेंट्रल स्टेशन पर चल रही फर्जी ट्रेनिग का राजफाश हुआ। एक-एक कर तार खुले तो जानकारी हुई कि रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर गैंग सक्रिय है जो बेरोजगार युवकों को ठगता है। गैंग का सरगना इटावा निवासी रुद्र प्रताप ठाकुर निकला। जीआरपी ने उसके इटावा, लखनऊ और पनकी के ठिकानों पर दबिश दी थी। उसने गुरुवार को एसीएमएम कोर्ट में सरेंडर कर दिया। जीआरपी इंस्पेक्टर अजीत कुमार सिंह ने बताया कि रुद्र ने सरेंडर कर दिया है। उसे कस्टडी में लेकर पूछताछ करने के लिए न्यायालय से रिमांड मांगा जाएगा।

आर्डनेंस फैक्ट्रियों के निजीकरण का विरोध

जासं, कानपुर : केंद्र सरकार के 41 आर्डिनेंस फैक्ट्रियों को सात कॉरपोरेट कंपनियों में तब्दील करने के फैसले के खिलाफ कर्मियों ने मोर्चा खोल दिया है। ओईएफ फूलबाग, कानपुर किला मजदूर यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष समीर बाजपेई ने सरकार के इस निर्णय को आर्डनेंस फैक्ट्रियों का अस्तित्व समाप्त करने के साथ रक्षा कर्मियों का गला घोंटने वाला बताया।

कर्मचारियों के साथ हुई बैठक में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नजर आर्डिनेंस फैक्ट्रियों की जमीनों पर है। आर्डनेंस फैक्ट्रियों का 219 वर्षों का इतिहास है, जिन्होंने 1962, 1965, 1971 व 1999 के युद्ध में सेना को सैन्य-साजों सामान उपलब्ध कराया था। महासंघों के आह्वान पर शीघ्र ही निगमीकरण के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल की तैयारी की जाएगी। 18 जून से कर्मचारी निर्माणी गेट पर संयुक्त मोर्चे के तत्वाधान में प्रदर्शन करेंगे।

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