नए साल में शहर होगा चट्टा मुक्त, प्रदूषण से मिलेगी राहत
कानपुर जेएनएन। शहर के लिए चट्टे बड़ी मुसीबत हैं। इनके गोबर से सीवर लाइन और नाले चोक हो रहे है
कानपुर, जेएनएन। शहर के लिए चट्टे बड़ी मुसीबत हैं। इनके गोबर से सीवर लाइन और नाले चोक हो रहे हैं। बेसहारा पशु भी मुसीबत बने हुए हैं। अतिक्रमण की वजह से नालियों और नालों की सफाई नहीं हो पा रही है। फुटपाथ पर अतिक्रमण के कारण जाम की समस्या है। शहर में वायु प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। कूड़े का उठान भी अभी नगर निगम पूरी क्षमता से नहीं कर पा रहा है। आखिर इन समस्याओं का समाधान कब होगा और यहा के लोग स्मार्ट सिटी और मेट्रो सिटी में रहने का गर्व कब महसूस करेंगे। इन मुद्दों को लेकर दैनिक जागरण ने महापौर प्रमिला पाडेय से बात की। उन्होंने नए साल में चट्टों से निजात दिलाने का वादा किया। पेश है साक्षात्कार के अंश.. आखिर कब शहर चट्टों से मुक्त होगा और सड़कें बेसहारा जानवरों से खाली होंगी?
- चट्टा हटाने का अभियान व्यापक स्तर पर चला रही हूं। भैंसों की नीलामी भी करा रही हूं ताकि चट्टा संचालक खुद चट्टे शहर के बाहर कर लें। अब चट्टा संचालक भी चट्टा हटाने के लिए खुद आगे आ रहे हैं। कुछ के पास जगह नहीं है तो उन्होंने समय मागा है। नए साल में शहर चट्टा मुक्त हो जाएगा। बेसहारा जानवरों के लिए जाना गाव में साढ़े सात करोड़ रुपये से गौशाला का निर्माण हो रहा है। कानपुर वायु प्रदूषण के मामले में देश के 10 शहरों में शामिल है। शुद्ध हवा कब शहरवासियों को मिलेगी?
- प्रदूषण मुक्त शहर के लिए 10 सड़कों पर सुबह-शाम पानी का छिड़काव हो रहा है। ब्रह्मनगर में हंस गार्डन का निर्माण कराया है। मियावाकी पद्धति से चिल्ड्रेन ट्रैफिक पार्क विजय नगर, शन्नेश्वर मंदिर मसवान पुर और जागेश्वर अस्पताल में पौधे लगाए गए हैं। जूही में बड़े क्षेत्रफल में फॉरेस्ट पार्क बनाने जा रही हूं। धूल पर अंकुश लगाने के लिए दो स्मॉग गन भी आ गई हैं। धूल साफ करने वाली तीन और स्वीपर मशीनें आ रही हैं। औद्योगिक क्षेत्रों से टैक्स लेने के बाद भी सुविधाएं क्यों नहीं दी जा रही हैं?
- 21 करोड़ रुपये के टेंडर हुए हैं। दादानगर, पनकी, फजलगंज में जल्द ही सड़क, नाला आदि का निर्माण, मरम्मत आदि कार्य होंगे। रूमा औद्योगिक क्षेत्र को यूपीसीडा से हस्तातरण कराने की प्रक्रिया शुरू हुई है। यह कार्य होते ही वहा भी विकास कार्य नगर निगम करेगा। जलभराव से शहर हर बार जूझता है। इस गंभीर समस्या का समाधान कैसे होगा?
- जल निकासी के लिए नालों का निर्माण चल रहा है। इस बार विभागीय स्तर पर नाले साफ कराए गए। इससे जलभराव कम हुआ है। भविष्य में जलभराव की समस्या समाप्त हो जाए, इसके लिए नालों और नालियों को अतिक्रमण मुक्त कराने का अभियान शुरू होगा। चट्टे की तरह ही इस अतिक्रमण को भी खुद हटवाऊंगी। सड़कें बनाने वाले ठेकेदार की जिम्मेदारी है कि वह शर्तो के अनुसार रखरखाव भी करे, लेकिन ऐसा क्यों नहीं हो रहा है?
- ठेकेदारों की जल्द बैठक करूंगी और जाच भी कराऊंगी। अगर किसी ठेकेदार ने शर्त के अनुसार सड़क मरम्मत का कार्य नहीं किया है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई होगी। अभियंताओं को भी दंड मिलेगा। यह सुनिश्चित करूंगी कि ठेकेदार शर्त के अनुसार समय- समय पर मरम्मत का कार्य करें। अतिक्रमण के कारण सड़कें संकरी हो गई हैं। जाम लगता है। नगर निगम क्यों शात है?
- अतिक्रमण हटाया जा रहा है। पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह दोबारा अतिक्रमण न होने दे, लेकिन वह इस पर ध्यान ही नहीं देती है। जल्द ही आइजी और एसएसपी के साथ बैठक करूंगी और यह सुनिश्चित करूंगी कि अतिक्रमण हटने के बाद दोबारा न हो। ऐसा हुआ तो संबंधित थाने की पुलिस पर कार्रवाई हो। गंगा में गिरते सीवर को रोकने के लिए क्यों ठोस काम नहीं हो रहा है?
- कुछ नालों से सीवर गंगा में जा रहा है। मौका मुआयना कर लिया है। नालों से एक बूंद भी सीवर गंगा में न जाए, इसके लिए जल निगम के महाप्रबंधक को आदेश दिया है। अब फिर मौके पर अफसरों को ले जाऊंगी और टेप हो चुके नालों से सीवर गिरता मिला तो मुख्यमंत्री के समक्ष अफसरों की कारगुजारी रखेंगे ताकि कार्रवाई हो। नगर निगम की आय बढ़ाने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाने की तैयारी है?
-कर निर्धारण परिधि से बाहर भवनों का सर्वे हो रहा है। इसमें आवासीय, व्यावसायिक और औद्योगिक भवन शामिल हैं। नगर निगम की आय बढ़ेगी तो शहर के समग्र विकास में तेजी आएगी।