भगवान झूलेलाल जी का जन्मोत्सव मंगलवार को सादगी से मनाया
भगवान झूलेलाल जी का जन्मोत्सव मंगलवार को सादगी से मनाया गया। शहर में कई जगह आयोजन हुए।
संवाददाता, कानपुर: भगवान झूलेलाल जी का जन्मोत्सव मंगलवार को सादगी से मनाया गया। पीरोड, दबौली, गुजैनी, गोविद नगर, आर्यनगर स्थित मंदिरों में भगवान झूलेलाल जी की महाआरती कर बहराणा साहिब का पूजन किया गया। रात की बजाय इस बार सुबह बहराणा साहिब को गंगा में प्रवाहित किया गया।
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते मंगलवार को भगवान झूलेलाल जी का जन्मोत्सव (चेटीचंड) पर होने वाले कई कार्यक्रम रद कर दिए थे। हालांकि पीरोड स्थित मंदिर पर भव्य श्रृंगार किया गया। यहां जेको चवंदो झूलेलाल, तहिंजा थिंदा बेड़ा पार.. गीत गूंजता रहा। लोगों ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए भगवान झूलेलाल के दर्शन किए। सिंधी समाज की महिलाओं ने घरों से बनाकर लगाए पकवानों से पूजन किया। श्री झूलेलाल अमर कथा का पाठ कराया गया। इसके बाद सुबह 10 बजे सरसैया घाट पहुंचकर बहराणा साहिब को गंगा में प्रवाहित किया गया। श्री झूलेलाल अखंड ज्योति ट्रस्ट के महामंत्री धर्मपाल इसरानी ने बताया कि चेटीचंड का अर्थ है चैत्र मास की चंद्र तिथि। चैत्र शुक्ल पक्ष द्वितीया के दिन सिध प्रदेश में भगवान झूलेलाल ने अवतार लिया था। इस दौरान लक्ष्मण आडवानी, अशोक किशन चंद्र, दिलीप वलेचा, महेश मेघानी, इंदर पमनानी, दीपक आहूजा, ओमी दादा, अनिल खिलवानी आदि रहे। वहीं श्री झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट गुजैनी में भगवान झूलेलाल की जयंती पर कोरोना से निजात की प्रार्थना की गई। घरों में दीप जलाए गए। प्रकाश पंजवानी, मनोज मखीजा, अशोक भटेजा, आरके बजाज आदि रहे।
लंगर व भजन संध्या स्थगित
चेटीचंड पर भगवान झूलेलाल मंदिर में होने वाले लंगर व भजन संध्या को कोरोना गाइडलाइन की वजह से स्थगित कर दिया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी नहीं किया गया।