Terrorist In UP: अलकायदा आतंकियों से संपर्क रखने वाले 40 संदिग्ध चिह्नित, 13 का नहीं चल रहा पता
लखनऊ में पकड़े गए अलकायदा के आतंकियों का कानपुर कनेक्शन सामने आने के बाद एटीएस सभी संपर्कियों की तलाश कर रही है। अब चिह्नत हुए 40 संदिग्धों में 27 लोगों से ही पूछताछ की जा सकी है पांचों आतंकियों की काल डिटेल रिपोर्ट से संदिग्ध मोबाइल नंबर मिले हैं।
कानपुर, जेएनएन। अलकायदा आतंकियों से संपर्क रखने वालों की लिस्ट बढ़ती जा रही है। अब तक हुई जांच में शहर में 40 ऐसे लोग चिह्नित हुए हैं, जिनके आतंकियों से संपर्क थे। हालांकि एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) इनमें से केवल 27 लोगों से ही अब पूछताछ कर सकी है और बाकी बचे 13 संदिग्ध लापता हैं। इन लापता संदिग्धों के बारे में पता लगाने के प्रयास में एटीएस जुटी है और अतंकियों के मददगार संपर्कियों की भी जानकारी जुटा रही है।
एटीएस ने पांच अलकायदा आतंकियों को पिछले दिनों गिरफ्तार किया था। पांचों आतंकियों के मोबाइल फोन की काल डिटेल रिपोर्ट में कानपुर से जुड़े 40 नंबर सामने आए, जिनकी आतंकियों से बातचीत हुई थी। इनमें से एटीएस 27 लोगों से पूछताछ कर चुकी है। तीन को छोड़कर शेष सभी संदिग्धों को रिहा कर दिया गया है। एटीएस सूत्रों के मुताबिक 13 संदिग्ध लोग अपने घरों पर ही नहीं मिले। अलकायदा आतंकियों की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही लापता हो गए।
जमात के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में तलाश रहा था स्लीपर सेल
अलकायदा आतंकी मिनहाज अहमद ग्रामीण क्षेत्रों में स्लीपर सेल विकसित करने की योजना पर काम कर रहा था। इसके लिए वह खुद को मौलाना बताकर ग्रामीण क्षेत्रों में जमात लगाता और लोगों को धार्मिक रूप से भड़काता था। एटीएस ने जांच बाद जो पर्चे काटे हैं, उसमें इस साजिश का पर्दाफाश किया गया है। जांच के दौरान जो पर्चे काटे गए उसके मुताबिक मिनहाज का एक रिश्तेदार वर्ष 2013 मेें बिजनौर के जाटान मुहल्ले में हुए धमाके में शामिल था। अंसार गजवातुल हिंद की स्थापना के बाद वर्ष 2010 में मिनहाज की दिल्ली में उमर हलमंडी से मुलाकात हुई।