बन चुके रैन बसेरों का टेंडर निरस्त, होगी जांच
परमट और मछली हाता ग्वालटोली में रैन बसेरा बन जाने केबाद भी निकला दिया टेंडर।
जागरण संवाददाता, कानपुर : परमट और मछली हाता ग्वालटोली में रैन बसेरा बन जाने के बाद भी नगर निगम अभियंताओं व कर्मचारियों ने निर्माण कराने के लिए 14.55 लाख रुपये के टेंडर निकाल दिए। इस खेल का दैनिक जागरण ने पर्दाफाश किया तो नगर निगम में खलबली मच गई। तीन मार्च को इन रैन बसेरा के सुंदरीकरण के होने वाले टेंडर निरस्त कर दिए गए, साथ ही मामले की जांच की जा रही है। उच्चस्तरीय जांच हुई तो कई और भी मामले सामने आएंगे, जिनमें बिना टेंडर के काम कराया जा रहा है।
नगर निगम ने तीन मार्च को टेंडर आमंत्रित किए हैं। इसमें परमट स्थित रैन बसेरा की मरम्मत, रंगाई-पुताई और सबमर्सिबल पंप लगाने के लिए 8,49,927 रुपये और मछली हाता स्थित रैनबसेरा में मरम्मत, रंगाई-पुताई और सबमर्सिबल पंप लगाने के लिए 5,89,854 रुपये का टेंडर आमंत्रित किया गया। 45 दिन में काम पूरा होना है, लेकिन सच्चाई ये है कि दोनों रैन बसेरा की मरम्मत और रंगाई पुताई भी हो गई है। इसका पर्दाफाश दैनिक जागरण ने फोटो सहित किया तो आला अधिकारी सन्न रह गए। मुख्य अभियंता एसके सिंह ने मंगलवार को आदेश दिए कि तीन मार्च को पड़ने वाले रैन बसेरा के सुंदरीकरण के टेंडर निरस्त कर दिए जाएं। इस मामले की जांच करा दोषियों पर कार्रवाई की जाए। मुख्य अभियंता ने बताया कि कई और जोन में भी टेंडर होने से पहले काम करा दिए जाने की शिकायत आई है, इसकी जांच कराई जा रही है। सूत्रों के अनुसार अफसर करीबी ठेकेदार को पहले ही काम दे देते हैं। उसके बाद टेंडर कराके ठेकेदार को टेंडर आवंटित कर दिया जाता है। ऐसे में टेंडर में प्रतिस्पर्धा भी नहीं होती है और अपने मुताबिक ठेकेदार टेंडर डालता है। इससे विभाग को चूना लगता है।