हद है : फर्जी हस्ताक्षर से दस कर्मियों का तबादला, जानें किस विभाग में कैसे हुआ ये खेल Kanpur News
प्रबंध निदेशक ने प्रकरण संज्ञान में आने के बाद गैर जनपद किए गए सभी तबादले रद कर दिए हैं।
कानपुर, जेएनएन। दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) में चीफ इंजीनियर के फर्जी हस्ताक्षर से दस कर्मचारियों के गैर जनपद ट्रांसफार्मर का सनसनीखेज मामला सामने आया है। प्रबंध निदेशक सौम्या अग्रवाल ने तबादले निरस्त कर उच्चाधिकारियों से सात दिनों में जांच रिपोर्ट मांगी है। प्रकरण की जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
डीवीवीएनएल कानपुर क्षेत्र के तत्कालीन मुख्य अभियंता एसके गुप्ता के हस्ताक्षर से 24 अगस्त 2019 को दो व 26 अगस्त 2019 को एक तबादला आदेश जारी हुआ, जिसमें तकनीशियन व बाबू स्तर के दस कर्मचारियों को गैर जनपद भेजा गया। अधिकांश कर्मचारियों को उनके मनपसंद जनपदों में भेजा गया। इधर 4 सितंबर को प्रमोशन के बाद एसके गुप्ता का तबादला डायरेक्टर कामर्शियल के पद पर डीवीवीएनएल आगरा हो गया। पिछले दिनों एसके गुप्ता को अपने स्रोतों से इस गोलमाल की जानकारी मिली। इसके बाद उन्होंने चीफ इंजीनियर, कानपुर क्षेत्र राजेंद्र कुमार से बात की और बताया कि जो स्थानांतरण आदेश जारी किए गए हैं, उनमें उनके हस्ताक्षर नहीं हैं।
चीफ इंजीनियर ने बताया कि इस आपत्ति के बाद तबादला आदेश निरस्त कर दिए गए हैं। फर्जी तबादला आदेश कैसे जारी हुए, इसकी जांच के लिए अधीक्षण अभियंता सुबोध कुमार अस्थाना और अधिशासी अभियंता पीके दास की दो सदस्यीय जांच समिति बनाई गई है। डीवीवीएनएल एमडी सौमय अग्रवाल का कहना है कि तबादला आदेश फर्जी है तो स्थानांतरण का सवाल ही नहीं उठता। मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं। रिपोर्ट आने पर जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाएगी।