राज्य विश्वविद्यालयों में सीएसजेएमयू को नंबर वन बनाने के लिए तकनीकी से जोड़ा जाएगा नाता

फीस जमा करने के लिए भी छात्रों को ऑनलाइन सुविधा दी जाएगी। प्रवेश से लेकर परीक्षा व नए कॉलेजों के आवेदन से लेकर संबद्धता तक के सभी काम ऑनलाइन होंगे। ऐसी व्यवस्था की जाएगी ताकि शिक्षक छात्र व कॉलेज प्रबंधन को बहुत ही जरूरी होने पर विश्वविद्यालय आना पड़े।

By Akash DwivediEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 08:05 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 08:05 AM (IST)
राज्य विश्वविद्यालयों में सीएसजेएमयू को नंबर वन बनाने के लिए तकनीकी से जोड़ा जाएगा नाता
यह जानकारी कुलपति प्रो. विनय पाठक ने दैनिक जागरण के साथ विशेष बातचीत में दी

कानपुर, जेएनएन। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) व संबद्ध डिग्री कॉलेजों में हो रही पढ़ाई, शैक्षणिक गुणवत्ता, पढ़ाने का तौर-तरीका और छात्रों की उपस्थिति ऑनलाइन की जाएगी। इसके लिए सॉफ्टवेयर बनाया जा रहा है, ताकि डिग्री कोर्स के दौरान उनके पठन-पाठन का संपूर्ण डाटा तैयार किया जा सके। राज्य विश्वविद्यालयों में सीएसजेएमयू को नंबर 1 बनाने के लिए तकनीकी से नाता जोड़ा जा रहा है। यह जानकारी कुलपति प्रो. विनय पाठक ने दैनिक जागरण के साथ विशेष बातचीत में दी।

उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर विश्वविद्यालयों की प्रतिस्पर्धा को देखते हुए आने वाले दिनों में पठन पाठन के तरीके से लेकर पाठ्यक्रम में बदलाव किए जाएंगे। कैंपस में आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस, डाटा साइंस व डाटा एनालिटिक्स जैसे नए पाठ्यक्रम शुरू होंगे। फीस जमा करने के लिए भी छात्रों को ऑनलाइन सुविधा दी जाएगी। प्रवेश से लेकर परीक्षा व नए कॉलेजों के आवेदन से लेकर संबद्धता तक के सभी काम ऑनलाइन होंगे। ऐसी व्यवस्था की जाएगी, ताकि शिक्षक, छात्र व कॉलेज प्रबंधन को बहुत ही जरूरी होने पर विश्वविद्यालय आना पड़े।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एमओयू की तैयारी : शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए विदेशी विश्वविद्यालय व शिक्षण संस्थानों के साथ सीएसजेएमयू करार करेगा। इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। विश्वविद्यालय का इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेल भी आइआइटी समेत अन्य नामी गिरामी शिक्षण संस्थानों के साथ जुड़कर काम करेगा। पीएचडी के लिए आवेदन फॉर्म भी जल्द जारी किए जाने की योजना है।

छात्रों को पढ़ाई के लिए मिलेगी ई-डिवाइस : कोरोनाकाल में छात्रों की पढ़ाई बहुत प्रभावित हुई है। खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों को ई-कंटेंट प्राप्त करने में समस्या आई है। इसे ध्यान में रखते हुए छात्रों की पढ़ाई के लिए ई-डिवाइस दिए जाने की योजना है।

हर गलत काम की होगी जांच : कुलपति ने बताया कि बीते वर्षों में अगर विवि में कोई भी काम मानकों को ताख पर रखकर किए गए हैं तो उनकी जांच कराई जाएगी। भ्रष्टाचार व अव्यवस्था के लिए जो जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई होगी। 

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